English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-01-10 120704

गोवा विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा को एक और झटका लगा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री व विधायक माइकल लोबो ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंत्री पद के साथ ही विधायक पद से भी त्यागपत्र दे दिया है।

लोबो ने आरोप लगाया कि भाजपा पूर्व सीएम दिवंगत मनोहर पर्रिकर की विरासत को भूल गई है और उनके समर्थक कार्यकर्ताओं को हाशिये पर किया जा रहा है। इस्तीफा देने के बाद लोबो ने उम्मीद जताई कि गोवा के कलंगट विधान सभा क्षेत्र की जनता मेरे इस फैसले का सम्मान करेंगे। अगले कदम के बारे में जल्द निर्णय करेंगे। मेरी अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है। जिस तरह से व्यवहार हो रहा था उससे मैं दुखी हूं। पार्टी के कार्यकर्ता भी खुश नहीं हैं।

Also read:  कांग्रेस की बैठक शुरू, राहुल की ताजपोशी के लिए नेताओं को मनाने की कवायद में जुटीं सोनिया

इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लोबो ने कहा कि वह पार्टी के कामकाज से नाराज हैं। हालांकि, उन्होंने अपने फैसले के लिए केंद्र या राज्य के नेताओं को दोष नहीं दिया।उन्होंने कहा कि मैं अपने साथ हो रहे व्यवहार से परेशान था। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अनदेखी होती है। मैंने अपनी आंखों से देखा है, कानों से सुना है। पार्टी इतनी बड़ी हो गई है कि उसे अब जमीनी कार्यकर्ताओं के योगदान का कद्र नहीं है। कई लोग मेरे पास शिकायत करने आए थे। पार्टी में उतार-चढ़ाव होते हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं हो सकती है।

Also read:  केंद्रीय मंत्री ने अश्विनी वैष्णव ने रेलवे निजीकरण को लेकर क्या कहा?

गोवा के वरिष्ठ नेता लोबो ने कहा कि ये बातें मैं लंबे समय से कह रहा हूं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। लेकिन मुझे लगा कि हमें दरकिनार कर दिया गया है।

Also read:  चंपावत में लैंडस्लाइड, टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग बंद, IMD ने जारी किया अलर्ट

लोबो कई दलों से संपर्क में
लोबो ने कहा कि वह कई राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उनका भविष्य क्या है, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोबो, प्रमोद सावंत कैबिनेट के अधिक मुखर सदस्यों में से एक थे। इस्तीफा देने वाले तीसरे ईसाई विधायक हैं। उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से पार्टी ने एक अलग मोड़ लिया है।