English മലയാളം

Blog

ुप्िु

झारखण्ड में महागठबंधन की सरकार के बीच दरार पैदा हो गई है। कांग्रेस ने महागठबंधन  की अहम बैठक से किनार किया है। कांग्रेस का बैठक से किनार करना कई सवाल खड़े कर रहा है। दरअसल विधानसभा सत्र की रणनीति तय करने के लिए  महागठबंधन की बैठक गुरुवार शाम को सीएम आवास पर बुलाई गई थी।

 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई सत्तारूढ़ दल की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं हुए, जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर उसी दौरान बैठक कर रहे थे।

Also read:  चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत-प्रमोद तिवारी

बताया जा रहा है कि कई मुद्दों पर हेमंत सरकार से कांग्रेस खफा है। ये भी जानकारी मिल रही थी कि कांग्रेस के आलाअधिकारियों की बात भी जेएमएम नहीं मान रहा है। इसकी वजह से UPA की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं होकर इस बात का विरोध दर्ज कराया।

Also read:  दिल्ली में दूतावास के बाहर हुए ब्लास्ट को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री ने की पीएम मोदी से बात

सबसे खास बात यह है कि एक तरफ सीएम के आवास पर बुलाई गई बैठक में झामुमो के अलावा राजद के मंत्री मौजूद थे। तो दूसरी तरफ कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर बैठक कर रहे थे। यूपीए गठबंधन में अचानक पड़ी इस गांठ के बारे में कोई भी साफ-साफ कहने को तैयार नहीं है. मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों ने डिनर का भी आनंद उठाया है।

Also read:  अमेरिका की धमकी के बाद विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया, कहा-हमारे रिश्ते बेहद खुले हैं, राजनीतिक रंग ना दें

ज़ाहिर है कांग्रेस दबाव की राजनीति भी कर रही है और मुख्यमंत्री समेत JMM को संदेश देना चाहती है कि सरकार में उसकी बातों को तवज्जो नही दिए जाने से वो खुश नहीं। दरार बढ़ी तो सरकार के सेहत के लिए बताया जा रहा है कि अच्छा नहीं होगा।