English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-03-23 103510

भारत के सबसे पुराने और ऐतिहासिक शहरों में से दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ एक है।

उस दौर की कई यादें पुरानी दिल्ली में आज भी हैं। अगर आपने कभी दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक मार्केट का दौरा किया है, तो सैकड़ों साल पुरानी आपने वहां इमारतें देखी होंगी। कई ऐसी इमारतें यहां आपको देखने को मिलेंगी, जिनका इतिहास बेहद यादगार रहा है। यह इलाका अपनी कई आलीशान हवेली के लिए किसी जमाने में मशहूर था। ये हवेली और महल दिल्ली की शान थे।

चांदनी चौक में मिर्जा गालिब की हवेली

Also read:  असम चुनाव : इस पार्टी ने अपने ही संस्थापक को किया साइडलाइन, BJP उतारेगी उनकी सीट से उम्मीदवार

बालीमारान के कासिम जानी गली में चांदनी चौक में स्थित यह खूबसूरत हवेली उस समय दिल्ली में बहुत प्रसिद्ध थी। मशहूर शायरों में शुमार मिर्जा गालिब की इस शानदार हवेली की दो मंजिलें हैं. 1990 के दशक में पड़ोसी की दुकानों के अतिक्रमण से हवेली मलबे में तब्दील हो गई थी, लेकिन बाद में एएसआई ने इसे फिर से अपने कब्जे में ले लिया।

चांदनी चौक में कोषाध्यक्ष की हवेली

जामा मस्जिद के पास गली गुलियां में मौजूद ‘खजांची हवेली’ मुगल काल में शानदार थी। इस दौरान बादशाह शाहजहाँ ने अपने कोषाध्यक्ष के लिए इस हवेली का निर्माण करवाया था। पिछले कई दशकों में जीर्ण-शीर्ण हवेली को कुछ साल पहले फिर से बनाया गया था।

Also read:  पहली कैबीनेट में सीएम धामी का बड़ा फैसला, यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने के लिए बनाई जाएगी कमेटी

चांदनी चौक में चुन्नमल की हवेली

दिल्ली के चांदनी चौक में ‘चुन्नामल हवेली’ का निर्माण लाला राय चुन्नमल ने वर्ष 1848 में किया था। ब्रिटिश भारत के दौरान चुन्नमल भारत के पहले नगर आयुक्त थे। अब चुन्नमल की 10वीं पीढ़ी इस हवेली की देखभाल कर रही है। हवेली में कुल 128 कमरे हैं।

चांदनी चौक में हक्सर हवेली

हवेली भी दिल्ली के चांदनी चौक में है। चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन के सामने सीताराम बाजार में स्थित यह हवेली आज कई हिस्सों में बंटी हुई है। 200 साल पुरानी इस खूबसूरत हवेली में जवाहरलाल नेहरू ने कमला कौल से शादी की थी।

Also read:  पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा भी रविवार को आजम खान से मिलने सीतापुर जेल गए, लेकिन नहीं हुई मुलाकात

चांदनी चौक में बेगम समरू की हवेली

दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित यह हवेली कभी दिल्ली की शान हुआ करती थी। उस जमाने में नौ राजसी फव्वारों वाले एक खूबसूरत बगीचे ने इस हवेली में महारत हासिल कर ली थी, लेकिन आज आपको इसके चारों ओर सिर्फ झाड़ियां ही देखने को मिलेंगी।