English മലയാളം

Blog

महज 20 महीने की उम्र इतनी ज्यादा नहीं होती कि कुछ बड़ा किया जा सके, लेकिन दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाली 20 महीने की मासूम धनिष्ठा ने कुछ ऐसा कर दिया कि वह हर किसी के लिए मिसाल बन गई। दरअसल, 20 महीने की यह गुड़िया पांच लोगों को जिंदगी देकर इस दुनिया को अलविदा कह गई। इसके साथ ही धनिष्ठा सबसे कम उम्र की अंगदान करने वाली भी बन गई। उसका हृदय, लिवर, दोनों किडनी और दोनों कॉर्निया सर गंगा राम अस्पताल में पांच रोगियों में प्रत्यारोपित किए गए।

Also read:  महाराष्ट्र में सियासत एक बार फिर से उबाल मारने लगी, NCP पार्टी कभी भी टूट सकती

बता दें कि 8 जनवरी शाम को धनिष्ठा अपने घर की पहली मंजिल पर खेलते हुए नीचे गिर गई एवं बेहोश हो गई, तुरंत उसे सर गंगा राम अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका। 11 जनवरी को डॉक्टरों ने बच्ची को ब्रेन डेड घोषित कर दिया, मस्तिष्क के अलावा उसके सारे अंग अच्छे से काम कर रहे थे। शोकाकुल होने के बावजूद भी बच्ची के माता-पिता, श्री आशीष कुमार एवं श्रीमती बबिता ने अस्पताल अधिकारियों से अपनी बच्ची के अंग दान की इच्छा जाहिर की।

Also read:  Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की दूसरी लिस्ट, दो सीटों पर अभी भी ससपेंस जारी

 

पिता आशीष कुमार के अनुसार, ‘हमने अस्पताल में रहते हुए कई ऐसे मरीज देखे जिन्हे अंगों की सख्त आवश्यकता है। हालांकि हम अपनी धनिष्ठा को खो चुके है लेकिन हमने सोचा की अंग दान से उसके अंग न ही सिर्फ मरीजों में जिन्दा रहेंगे बल्कि उनकी जान बचाने में भी मददगार सिद्ध होंगे।’

Also read:  जापान में बोले पीएम मोदी भारत 'अमृत काल' में प्रवेश करने के साथ महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ती के लिए रोडमैप तैयार कर रहा

डॉ. डी. एस. राणा, चेयरमैन (बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट), सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार, ‘परिवार का यह नेक कार्य वास्तव में प्रशंसनीय है और इसे दूसरों को प्रेरित करना चाहिए। 0.26 प्रति मिलियन की दर से, भारत में अंग दान की सबसे कम दर है। अंगों की कमी के कारण हर साल औसतन 5 लाख भारतीय मारे जाते हैं।’