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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को लेकर कल गुरुवार को मामला काफी गरम रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर खेड़ा को कल गुरुवार को पहले फ्लाइट से उतार दिया गया, फिर असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, हालांकि कुछ घंटे बाद ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई।  इस मसले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आज शुक्रवार को खेड़ा का नाम लिए बगैर कहा कि आरोपी ने बिना शर्त माफी मांग ली है। उम्मीद है कि आगे ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल कोई नहीं करेगा।

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा, ‘कानून की महिमा हमेशा बनी रहेगी। आरोपी ने बिना शर्त माफी मांग ली है। हम आशा करते हैं कि सार्वजनिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखते हुए आगे से कोई भी राजनीतिक विमर्श में किसी तरह अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करेगा। असम पुलिस भी मामले को उसके तार्किक तरीके से खत्म करेगी।

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SC में 27 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

सीएम सरमा ने सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दाखिल याचिका का जिक्र किया। इसमें सातवें क्लॉज में लिखा है कि सिंघवी ने बताया कि उनके मुवक्किल ने बिना शर्त माफी मांग ली है। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।

कांग्रेस अधिवेशन के लिए पार्टी के कई नेताओं के साथ रायपुर जा रहे पवन खेड़ा को बेहद नाटकीय अंदाज में दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर खड़े इंडिगो के विमान से नीचे उतार दिया गया और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच सूत्रों ने कहा कि पवन खेड़ा आज शुक्रवार को रायपुर पहुंचेंगे। उनके अनुसार उन्हें गुरुवार शाम को पहुंचना था, लेकिन कुछ अदालती प्रक्रियाओं को पूरा करने में विलंब हो गया।

टाइगर जिंदा है, SC जिंदा है- कांग्रेस

कांग्रेस ने खेड़ा के खिलाफ कार्रवाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रतिशोध, उत्पीड़न और धमकी’ की राजनीति का नया उदाहरण और तानाशाही करार दिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट से खेड़ा को राहत मिलने पर कहा, ‘टाइगर जिंदा है, सुप्रीम कोर्ट जिंदा है।’

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गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद ही सुप्रीम कोर्ट से खेड़ा को राहत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत देने का आदेश दे दिया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि दिल्ली में सक्षम मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने पर खेड़ा को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए।

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जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, ‘उपरोक्त आदेश मंगलवार (28 फरवरी) तक प्रभावी रहेगा।’ कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी तय की।