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मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने सरकार पर आॢथक बोझ कम करने के उद्देश्य से शुक्रवार को स्वत: विशेष भत्ते छोडऩे का निर्णय लिया।

 

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, कुमार और पांडेय ने निर्णय लिया है कि वे सत्कार भत्ते पर आयकर में मिली छूट नहीं लेंगे और प्रतिवर्ष मिलने वाली तीन अवकाश यात्रा छूट (एलटीसी) में से दो एलटीसी नहीं लेंगे।

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गत सप्ताह मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार ग्रहण करने के बाद कुमार ने पांडेय के साथ शुक्रवार को निर्वाचन आयोग की पहली बैठक की। भारत निर्वाचन आयोग में 1993 से तीन निर्वाचन आयुक्त होते हैं और इस समय एक पद खाली है।

बयान में कहा गया कि आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) को दिए जाने वाले विशेष भत्तों की समीक्षा की जिसमें सत्कार भत्ते पर आयकर में मिलने वाली छूट शामिल है। सीईसी और ईसी को निर्वाचन आयोग (निर्वाचन आयुक्त सेवा शर्त और कार्य का संव्यवहार) अधिनियम 1991 के खंड तीन के तहत वेतन और भत्ते दिए जाते हैं। उन्हें 34 हजार रुपये सत्कार भत्ते के तौर पर देने का प्रावधान है।

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त को इस भत्ते पर आयकर नहीं देना होता। उन्हें एक साल के तीन एलटीसी मिलती है। बयान में कहा गया, च्च्आयोग को व्यक्तिगत भत्तों में कटौती करने की जरूरत महसूस हुई। आयोग ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि सीईसी और ईसी आयकर में कोई छूट नहीं लेंगे।” आयोग ने कहा, च्च्केंद्र सरकार को उचित कार्रवाई के लिए प्रस्ताव देने का निर्णय लिया गया है। सीईसी और ईसी को मिलने वाले तीन एलटीसी के स्थान पर वे केवल एक एलटीसी लेंगे।”

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