English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-04-29 095357

हिंसा से किसी को भी लाभ नहीं होता है। भागवत का यह बयान देश के कई हिस्सों में विभिन्न समूहों के बीच हालिया झड़पों की पृष्ठभूमि में आया है।

 

भागवत ने सिंधी भाषा और संस्कृति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और प्रत्येक भाषा का अपना महत्व है। भागवत यहां पास के भानखेड़ा रोड पर कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोरदिया के ‘गद्दीनशीनी’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। समारोह में अमरावती जिले और देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए।

Also read:  नहीं रहे नेता जी... शिक्षक से 3 बार सीएम तक का सफर कैसे तय किया

हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं

आरएसएस प्रमुख ने इस बात जोर दिया कि हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं होता और उन्होंने सभी समुदायों को एकसाथ लाने और मानवता के संरक्षण का आह्वान किया। भागवत ने कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होता. जिस समाज को हिंसा प्रिय है वह अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एकसाथ लाना और मानवता की रक्षा करना आवश्यक है। हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है।

Also read:  जबलपुर में दुर्गा भक्तों पर खतरनाक स्प्रे, आधा दर्जन से ज्यादा संदिग्धों हिरासत में

भाजपा शासित राज्यों में हिंसा के बाद बयान

आरएसएस नेता भावगत की यह टिप्पणी भाजपा शासित मध्य प्रदेश और गुजरात सहित लगभग आधा दर्जन राज्यों में रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव समारोह के दौरान सांप्रदायिक झड़पों की पृष्ठभूमि में आयी है। यह उल्लेखित करते हुए कि सिंधी समुदाय ने देश के विकास में भरपूर योगदान दिया है, भागवत ने सिंधी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए एक सिंधी विश्वविद्यालय की आवश्यकता पर बल दिया। आरएसएस नेता ने कहा कि कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे और कई लोग जमीन की कीमत पर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आये।

Also read:  सऊदी अरब ने 2027 एशियाई कप की मेजबानी के लिए बोली जीती