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आपूर्ति की जा रही बिजली की वास्तविक खपत के मुताबिक बिल वसूलने के लिए अब सभी बिजली कनेक्शन में मीटर लगाए जाएंगे। पहले-पहल सभी घरेलू अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जाएंगे।

 

बिजली विभाग के सेवारत और सेवानिवृत अधिकारियों-अभियंताओं के यहां भी मीटर के जरिए ही बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। बिजली व्यवस्था को और सुधारने के लिए 100 दिनों में ही कई विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण पूरा कर उन्हें चालू किया जाएगा। सोलर और जैव ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में भी तेजी से काम किया जाएगा।

दरअसल, प्रदेश में सात लाख से अधिक ऐसे घरेलू कनेक्शन हैं जिनमें बिना मीटर के बिजली आपूर्ति हो रही है। बिना मीटर के बिजली हासिल करने वालों में एक लाख से अधिक बिजली विभाग के सेवारत और सेवानिवृत कर्मी ही हैं। योगी सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना में अनमीटर्ड घरेलू कनेक्शन में मीटर लगाने को भी शामिल किया गया है ताकि वास्तविक बिजली की खपत का आकलन किया जा सके और गड़बड़ी की शिकायतें दूर हो सकें। पहले-पहल 3.68 लाख मीटर लगाए जाएंगे जिस पर 47.84 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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ओवर लोड़‍िग से लो-वोल्टेज की समस्या के समाधान के लिए 400 केवी का एक उपकेंद्र भौखरी बस्ती में और दूसरा रसड़ा बलिया में बनाया जाएगा। इसी तरह 220 केवी का मलवां फतेहपुर, अयोध्या और बबीना में बनेंगे। 132 केवी के उपकेंद्र छानबे व बिलोचपुरा में बनाए जाएंगे इससे बागपत, बड़ौत के ग्रामीण क्षेत्रों को लो-वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। अस्सी घाट, रविदास मंदिर आदि क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या दूर करने के लिए वाराणसी के नगवां में और चित्रकूट के कैलरा में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र का निर्माण 100 दिनों में पूरा होगा।

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दूसरी तरफ सामुदायिक मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए पांच हजार सोलर लाइटें भी अगले 100 दिनों में ही लगेंगी। दो हजार किलोवाट के सोलर रूफटाप पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी जिससे उपभोक्ताओं के विद्युत बिल में बचत होगी। निजी पूंजी निवेश से जालौन के दो स्थानों पर 32 व 66 मेगावाट के सोलर पावर परियोजना की स्थापना की जाएगी इसी तरह 100 दिन में निजी निवेश के माध्यम से हापुड़ में पांच टन कंप्रेस्ड बायोगैस प्रतिदिन क्षमता का प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह प्लांट शुगर मिल तथा कृषि अपशिष्ट पर आधारित होगा।

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