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थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief Manoj Pande) ने शनिवार को कहा कि सशस्त्र बलों में आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानव संसाधन प्रबंधन और क्षमता विकास जैसे अन्य क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सुधार जारी हैं। वह डुंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में एक संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित कर रहे थे।

 

थलसेना प्रमुख ने कहा, ”भारत का सुरक्षा परिदृश्य विशाल, जटिल और बहुआयामी है। हमारी संवेदनशील सीमाएं और समान रूप से चुनौतीपूर्ण आंतरिक सुरक्षा खतरों के लिए बहुत उच्च स्तर की अभियानगत तैयारियां जरूरी हैं। ” उन्होंने कहा कि विघटनकारी प्रौद्योगिकियां आधुनिक युद्ध के चरित्र को आकार दे रही हैं।

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टेक्नोलॉजी अब सिद्धांतों तक ही सीमित नहीं

जनरल पांडे ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग रोबोटिक्स और हाइपरसोनिक जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां अब सिद्धांतों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि युद्ध के मैदानों में प्रत्यक्ष रूप से प्रकट हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना और उसका लाभ उठाना अब एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गया है। थलसेना प्रमुख ने कहा, ”मानव संसाधन प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों जैसे कि ‘आत्मनिर्भरता’ पर ध्यान देने के साथ क्षमता विकास के मामले में सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी सुधार भी जारी हैं।”

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सेना प्रमुख ने कहा कि परिवर्तनों का नेतृत्व करने में युवा अधिकारी पथ प्रदर्शक होंगे। उन्होंने पासिंग आउट अधिकारियों को ज्ञान की खोज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि नेतृत्व के गुणों को आत्मसात करना सशस्त्र बलों के प्रत्येक अधिकारी का परम कर्तव्य है।

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