English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-11-03 114138

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने गौरीगंज गेस्ट हाउस में एक सुरक्षाकर्मी की गोली मारकर हत्या किए जाने के 40 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी समेत दो आरोपियों को बरी कर दिया है।

 

अभियोजन अधिकारी कालिका प्रसाद मिश्र ने बृहस्‍पतिवार को बताया कि 19 सितंबर 1982 को तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के निधन के बाद उनकी पत्‍नी मेनका गांधी अपने सहयोगियों के साथ ‘संजय विचार मंच’ पार्टी का गठन कर अमेठी संसदीय क्षेत्र में पार्टी कार्यालय को स्थापित करने गौरीगंज गेस्ट हाउस में रुकी थीं।

Also read:  कोरोना वाइरस: पिछले 24 घंटे में आए 15,510 नए केस, 106 ने गंवाई जान

मिश्र के मुताबिक, इसी सिलसिले में हरियाणा से आए करनैल सिंह नामक व्‍यक्ति की बंदूक से संदिग्‍ध हालात में चली गोली लगने से बस्‍ती के तत्‍कालीन सांसद कल्पनाथ सोनकर के सुरक्षा कर्मी टिकोरी सिंह की मौत हो गई थी। मिश्र ने बताया कि इस मामले में डंपी और जगदीश नारायण मिश्र समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या और साक्ष्‍य मिटाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।

Also read:  नितिश ने तेजस्वी और शत्रुघ्न सिन्हा पर कसा तंज, कहा-बोचहां में जीत कोई बड़ी बात नहीं

बाद में मुकदमे में करनैल सिंह का नाम भी जोड़ा गया था। वह तभी से फरार है। मिश्र के अनुसार, लगभग 40 साल तक चली अदालती कार्यवाही के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश योगेश कुमार यादव ने डंपी और जगदीश नारायण मिश्र को बुधवार को बरी कर दिया।

Also read:  सीएम गहलोत ने एसपीजी पर उठाया सवाल, बोले- प्रधानमंत्री को 2 घंटे सड़क यात्रा क्यों करवाई ?

मिश्र ने बताया कि मामले के दो अन्य आरोपियों कल्पनाथ सोनकर और शीतला सोनकर की मुकदमे पर सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।