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नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकल फॉर दिवाली की अपील को अंजाम तक पहुंचाने में सभी प्रमुख मंत्रालय एकजुट हो गए हैं। मंत्रालय की तरफ से स्थानीय कारीगरों के नंबर तक ट्विटर पर मुहैया कराए जा रहे हैं। वित्त, वाणिज्य व उद्योग एवं टेक्सटाइल मंत्रालयों समेत कई मंत्री व नेतागण लोकल फॉर दिवाली के नारे के प्रचार के साथ इसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

मंत्रालय की तरफ से यह भी जानकारी दी जा रही है कि दिवाली के अवसर पर स्थानीय स्तर पर क्या-क्या खरीदारी की जा सकती है। राजस्थान की कठपुतली तो महाराष्ट्र के कोल्हापुरी चप्पल, हैंडीक्राफ्ट्स, स्थानीय स्तर पर बने जूस, चटनी, लोकल कपड़ों की मार्केटिंग शुरू हो गई है।

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माइजीओवी ने ट्वीट किया, ‘वी.के. मुन्नुस्वामी(फोननंबर) जो पुडुचेरी के जाने-माने शिल्प गुरु है और गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति बनाने में माहिर है। आप उनके बनाए लक्ष्मी-गणेश की खरीदारी कर अपने घर को समृद्ध बनाएं।’ टेक्सटाइल मंत्रालय के ट्वीट में इसी तरह एक कलाकार का नाम और नंबर लेते हुए उनसे मूर्ति खरीदने की अनुशंसा की गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री की अपील से निश्चित रूप से दिवाली खरीदारी में स्थानीय कारीगरों को आर्थिक फायदा होगा और लोग चीन के सामान का पूरी तरह बहिष्कार करेंगे। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक दीपावली के दौरान घरों में इस्तेमाल होने वाले छोटे-छोटे सामान से लेकर गिफ्ट आइटम तक की बिक्री में चीन के सामान की अच्छी हिस्सेदारी होती है।

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अधिकतर लाइट व बत्ती चीन से आयातित होते हैं। प्रधानमंत्री की अपील से कई ऐसे आइटम की बिक्री बढ़ेगी जिसे अब तक लोग नहीं खरीदते थे। इसका फायदा यह होगा कि भविष्य में इन सामान की ब्रांडिंग होगी और घरेलू स्तर पर उनकी बिक्री बढ़ेगी। सूत्रों के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों तक सभी इलाके के कारीगरों के नंबर शेयर किए जाएंगे ताकि लोग आसानी से उन तक पहुंच सके।

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