English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी (Congress) में रार तेज होती जा रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कांग्रेस की उपेक्षा कर रहे हैं और शर्मनाक गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं, वह दूसरी पार्टी जॉइन कर सकते हैं या फिर अपनी पार्टी बना सकते हैं. उन्होंने कपिल सिब्बल का नाम लिए बगैर कहा कि ऐसे नेता जो गांधी परिवार के करीबी हैं, मुद्दों को उनके (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) सामने रखने के लिए स्वतंत्र रहे हैं.

Also read:  'सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो', अमेरिकी संसद परिसर में हिंसा पर पीएम मोदी ने जताई चिंता

 

पश्चिम बंगाल में पत्रकारों से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘अगर कोई नेता सोचता है कि कांग्रेस उसके लिए सही पार्टी नहीं है तो वो नई पार्टी बना सकता है या कोई और पार्टी जॉइन कर सकता है, जिसके बारे में वो सोचता हो कि ये उसके लिए सही दल है, लेकिन उनको इस तरह की शर्मनाक गतिविधियों में लिप्त नहीं होना चाहिए, जिससे कांग्रेस पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हों.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसे वरिष्ठ नेताओं को इस तरह की बयानबाजी में नहीं पड़ना चाहिए. उन्हें गांधी परिवार से निकटता प्राप्त है. वो किसी भी विषय को पार्टी आलाकमान के सामने या फिर पार्टी फोरम में रख सकते हैं.’ अधीर रंजन चौधरी ने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि अगर ऐसे नेता वाकई संवेदनशील थे तो उनको जमीन पर यह फर्क साबित करना था. क्या उन्होंने पार्टी के हित में बिहार चुनाव में कोई काम किया.

Also read:  हादसों का एक्सप्रेसवे: मथुरा में पांच लोगों की मौत, आगरा में कार सवार महिला जिंदा जली

बता दें कि बीते सोमवार अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में कपिल सिब्बल ने कहा कि जनता कांग्रेस को मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं देख रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न सिर्फ बिहार चुनाव बल्कि देश के अन्य राज्यों में हुए उपचुनाव को भी पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया. गौरतलब है कि कुछ समय पहले कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद समेत 22 बड़े नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कांग्रेस में आत्ममंथन और बदलाव की बात कही गई थी. इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद पार्टी के भीतर बवाल खड़ा हो गया था.