English മലയാളം

Blog

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं इमरती देवी को रविवार को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश मिला जिसके बाद विवाद हो गया है। इमरती देवी को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ने बंगला खाली करने का नोटिस भेजा था। इसपर पूर्व मंत्री ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन शाम तक उन्हें नोटिस जारी करने वाले इंजीनियर का तबादला हो गया।

राज्य में हाल में हुए उपचुनाव में इमरती डबरा विधानसभा सीट से हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया है जो अभी तक मंजूर नहीं हुआ है। इसी बीच पीडब्ल्यूडी ने उन्हें ग्वालियर के झांसी रोड पर मिले सरकारी बंगले को खाली करने का नोटिस भेज दिया। इस नोटिस में लिखा था कि इमरती देवी के पास अब कोई पद नहीं है इसलिए बंगले को खाली करके पीडब्ल्यूडी को सौंपा जाए।

Also read:  एक्ट्रेस-फिल्ममेकर पूजा भट्ट कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हुईं शामिल

पूर्व मंत्री को इंजीनियर ओमहरि शर्मा ने नोटिस भेजा था। नोटिस की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। इस मामले पर एसडीएम किशोर कन्याल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने वर्तमान मंत्री को आवास खाली करने का नोटिस भेजा है जो गलत है।

Also read:  बिहार में पहले चरण का मतदान शुरू, पीएम मोदी ने सामाजिक दूरियां बनाए रखने की याद दिलाई

कन्याल ने कहा कि नोटिस गलती से भेजा गया है क्योंकि इमरती देवी अभी भी मंत्री हैं और किसी मंत्री को ऐसा नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद शाम को आदेश आया कि पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शर्मा का तबादला ग्वालियर से भोपाल कर दिया गया है। बता दें कि इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थकों में से एक हैं।

Also read:  इशारों-इशारों में अखिलेश पर कसा तंज, सपा विधायकों के बीच की सीएम योगी की तारिफ

इमरती उन 22 विधायकों में शामिल थीं जिन्होंने मार्च 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इस कारण कमलनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद राज्य में शिवराज की अगुवाई में बनी सरकार में उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था। हालांकि उपचुनाव में वे हार गईं।