English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: 

COVID-19 टीकाकरण (Covid Vaccination) अभियान में प्राइवेट सेक्टर की बड़े पैमाने पर भागीदारी होगी. नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य डॉ वीके पॉल, जो केंद्र सरकार द्वारा गठित महामारी से निपटने वाली टीम के प्रमुख हैं,  बताया कि प्राइवेट सेक्टर की भूमिका का पूरा विवरण कुछ ही दिनों में  उपलब्ध होगा. अब तक देशभर में 1.07 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके दिए जा चुके हैं.

डॉ पॉल ने कहा, “वर्तमान में भी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण करने में निजी क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल रहा है. किसी भी दिन 10,000 टीकाकरण सत्रों में से, 2,000 का संचालन निजी क्षेत्र के भागीदारों द्वारा किया जा रहा है.” उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम टीकाकरण अभियान में तेजी लाते जाएंगे, निजी क्षेत्र का जुड़ाव गहरा और व्यापक होता जाएगा. यह कुछ ही दिनों में होगा, बस थोड़ा इंतजार करें.”

Also read:  यमुना बैंक में टूटा ओवरहेड वायर, ब्लू लाइन मेट्रो हुई प्रभावित

उन्होंने कहा कि कोविड ​​-19 टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र की बड़े और पूर्ण पैमाने पर भागीदारी आवश्यक होगी क्योंकि आबादी का अधिक से अधिक वर्ग टीकाकरण के लिए पात्र बन जाएगा. अभी केवल हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन मेडिकल स्टाफ को ही टीका लगाया जा रहा है, हालांकि, उनमें से भी कई लोगों ने केंद्र द्वारा बार-बार कहने के बावजूद कि टीके सुरक्षित हैं, टीका नहीं लगवाया है.

Also read:  24 घंटों में सबसे कम COVID-19 का मामला तीन महीने के बाद सामने आया है, मौत का आंकड़ा दर 500 महीने से भी कम

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने हाल ही में केंद्र से टीकाकरण अभियान में व्यापक निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति देने के लिए कहा था. CII के प्रमुख उदय कोटक ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था, “अस्पतालों को गंभीर रोगियों और भुगतान करने वाले रोगियों को टीकाकरण करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कम से कम समय में सभी लोगों तक टीके की पहुंच संभव हो.”