English മലയാളം

Blog

ुप्िु

झारखण्ड में महागठबंधन की सरकार के बीच दरार पैदा हो गई है। कांग्रेस ने महागठबंधन  की अहम बैठक से किनार किया है। कांग्रेस का बैठक से किनार करना कई सवाल खड़े कर रहा है। दरअसल विधानसभा सत्र की रणनीति तय करने के लिए  महागठबंधन की बैठक गुरुवार शाम को सीएम आवास पर बुलाई गई थी।

 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई सत्तारूढ़ दल की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं हुए, जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर उसी दौरान बैठक कर रहे थे।

Also read:  दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए, स्थानीय निकायों, SHO को अधिकार देने का प्रस्ताव

बताया जा रहा है कि कई मुद्दों पर हेमंत सरकार से कांग्रेस खफा है। ये भी जानकारी मिल रही थी कि कांग्रेस के आलाअधिकारियों की बात भी जेएमएम नहीं मान रहा है। इसकी वजह से UPA की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं होकर इस बात का विरोध दर्ज कराया।

Also read:  गर्मी से तपेगी दिल्ली, प्रचंड गर्मी से अगले तीन दिन तक बेहाल, मंगलवार को छाएंगे बादल

सबसे खास बात यह है कि एक तरफ सीएम के आवास पर बुलाई गई बैठक में झामुमो के अलावा राजद के मंत्री मौजूद थे। तो दूसरी तरफ कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर बैठक कर रहे थे। यूपीए गठबंधन में अचानक पड़ी इस गांठ के बारे में कोई भी साफ-साफ कहने को तैयार नहीं है. मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों ने डिनर का भी आनंद उठाया है।

Also read:  अयोध्या को मिला 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं की मंजूरी, जानें राम की नगरी में क्या होगा खास

ज़ाहिर है कांग्रेस दबाव की राजनीति भी कर रही है और मुख्यमंत्री समेत JMM को संदेश देना चाहती है कि सरकार में उसकी बातों को तवज्जो नही दिए जाने से वो खुश नहीं। दरार बढ़ी तो सरकार के सेहत के लिए बताया जा रहा है कि अच्छा नहीं होगा।