English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-03-03 134026

विदेश मंत्रालय ने कहा कि चारों नेता एशिया प्रशांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर अपने विचार साझा करेंगे। इससे पहले सितंबर 2021 में वॉशिंगटन में क्वाड नेता व्यक्तिगत रूप से मिले थे। 

यूक्रेन संकट के बीच गुरुवार को क्वाड के नेताओं की वर्चुअल शिखर बैठक होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के पीएम  फुमिओ किशिदा व ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन शामिल होंगे।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस बैठक की जानकारी मीडिया को दी। मंत्रालय ने कहा कि चारों नेता एशिया प्रशांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर अपने विचार साझा करेंगे। क्वाड नेता संगठन के एजेंडा के मुताबिक की गई पहल के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करेंगे। क्वाड के समकालीन व सकारात्मक एजेंडे को लेकर चारों नेताओं ने पूर्व में पहल की थी। इससे पहले सितंबर 2021 में वॉशिंगटन में क्वाड नेता व्यक्तिगत रूप से मिले थे।

Also read:  अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर साधा निशाना, उत्तर भारत की समस्या है वायु प्रदूषण, इसके लिए सिर्फ AAP या दिल्ली-पंजाब सरकार जिम्मेदार नहीं
क्या है क्वाड और क्यों पड़ी इसे बनाने की जरूरत? 
हिंद महासागर में सुनामी के बाद, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने आपदा राहत प्रयासों में सहयोग करने के लिए एक अनौपचारिक गठबंधन बनाया था। मोटे तौर पर तो क्वाड चार देशों का संगठन है और इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये चारों देश विश्व की बड़ी आर्थिक शक्तियां हैं। 2007 में, जापान के तत्कालीन प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने इसे क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड का औपचारिक रूप दिया।

Also read:  किसान आंदोलन में ग्रेटा थनबर्ग से लेकर दिशा रवि तक क्यों आईं लपेटे में,जानिए पूरा मामला

2017 में, चीन का खतरा बढ़ने पर चारों देशों ने क्वाड को पुनर्जीवित किया, इसके उद्देश्यों को व्यापक बनाया। इसके तहत एक ऐसे तंत्र का निर्माण किया जिसका उद्देश्य धीरे-धीरे एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करना है और इसके केंद्र में है चीन। ये चारों देश एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागीरी और उसके प्रभाव को काबू में करना चाहते हैं। खासकर जापान और भारत ने क्वाड बनाने की पहल की।

Also read:  सेंट्रल बैंक द्वारा ईदिया के लिए वाणिज्यिक परिसरों में एटीएम मशीनें स्थापित की जाती हैं

चीन की घेराबंदी में जुटे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया इसमें शामिल हुए तो यह ताकतवार क्षेत्रीय संगठन बनकर उभरा। यह संगठन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटे चीन को घेरने के इरादे से अपने समूह को मजबूत करता गया। माना जाता है कि आने वाले कुछ समय में यह समूह नाटो की तर्ज पर एशिया-प्रशांत का शक्तिशाली समूह बनकर उभर सकता है।