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भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना (NV Ramana) ने हैदराबाद (Hyderabad) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि न्यायपालिका में बुनियादी ढांचा चिंता का विषय है। सभी लोगों को तब न्याय मिलेगा, जब हम उसे पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराएंगे।

 

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) ने कोर्ट में खाली पड़ी रिक्तियों और बुनियादी ढांचे को लेकर चिंता जाहिर की है। जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि जजों के खाली पड़े पदों को जल्द भरे जाने की जरूरत है, ताकि न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बना रहे।

बड़ी संख्या में केस लंबित

चीफ जस्टिस (Hyderabad) हैदराबाद के गचिबोव्ली में तेलंगाना स्टेट ज्यूडिशियल ऑफिसर कॉन्फ्रेंस (Telangana State Judicial Officers Conference) के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अदालतों में बड़ी संख्या में केस लंबित हैं और इसके पीछे तमाम वजह है। लोग जब न्याय के लिए कोर्ट जाते है तो हमेशा उनके मन में सवाल रहता है कि फैसला आने में न जाने कितने साल लगेंगे।

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फैसले के लिए इंतजार

उन्होंने कहा कि हमारे यहां निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) तक में अपील का अधिकार हासिल है, ऐसे में अंतिम फैसला कब तक आ पाएगा, यह कहना मुश्किल है। चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि हमे जितना संभव हो सके, उतने जज नियुक्त करने चाहिए। मैं नहीं चाहता कि जिला अदालत, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में एक भी जज का पद खाली रहे।

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न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी

न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने देश भर के विभिन्न हिस्सों और कोर्ट का सर्वे किया था। रजिस्ट्री ने भी सर्वे में पाया कि देश में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर (Judicial Infrastructure) की बेहद कमी है। सरकार को भी इसकी सूचना दी जा चुकी है।

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काम का बहुत अधिक है दबाव

उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका पर काम का दबाव बहुत ज़्यादा है। अभी आंकड़े बताकर मैं आपको परेशान नहीं करना चाहता, लेकिन लोगों को न्याय तभी सुलभ हो सकता है, जब हमारे पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर हो, पर्याप्त संख्या में कोर्ट रूम और जज हों।