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पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) की जांच में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार के विधायक और मंत्री बुरी तरह फंसते जा रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अभी पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता चटर्जी को हिरासत में लिया है। इस बीच ईडी ममता के एक और विधायक को समन भेजा है। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) को तलब किया है। बता दें कि माणिक पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। 

ईडी की तरफ से माणिक भट्टाचार्य को समन भेजा गया है। उन्हें बुधवार को ईडी के कोलकाता स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया है। ईडी ने जिस दिन पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की थी उस दिन ईडी के अधिकारियों ने माणिक भट्टाचार्य के कार्यालय की भी तलाशी ली थी। यह तलाशी करीब 8 घंटे तक चली थी। अधिकारियों की मानें तो माणिक भट्टाचार्य के कार्यालय से कई सीडी मिली हैं जिनमें महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। माना जा रहा है कि ईडी ने इन्ही के संबंध में टीएमसी विधायक को तलब किया है।

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बता दें कि पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में घोटाले का उजागर होने के बाद न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में जांच के दौरान ही ईडी को अर्पिता मुखर्जी के घर से करीब 21 करोड़ की नगदी बरामद हुई थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी उनके पूछताछ कर रही है और वह 3 अगस्त तक हिरासत में रहेंगी।

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आपको बता दें कि 2014 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए टीईटी यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा के बाद 269 लोगों को नौकरी दी गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने सरकार पर आरोप लगाया था कि इन सभी लोगों की उत्तर पुस्तिकाओं में एक एक नंबर बढ़ा दिए गए थे। इसके बाद इस मामले हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, और माणिक भट्टाचार्य को उनके पद से हटा दिया था।