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कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और भारतीय रिजर्व बैंक के एक कथित परिपत्र (सर्कुलर) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने कदमों से स्थिति सुधारने की बजाय, आग में घी डाल रही है।

 

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि मोदी सरकार के उस फैसले से रुपया लगातार नीचे की ओर जा रहा है जिसमें मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक अरब डॉलर के मूल्य तक की भारतीय मुद्रा को अमेरिकी मुद्रा में तब्दील करवाने की अनुमति दी गई है।

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अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और आगे भी सख्त रूख बनाए रखने के स्पष्ट संकेत से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जिसके चलते बृहस्पतिवार को रुपया 90 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.86 प्रति डॉलर (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ”आज एक डॉलर की कीमत 80.86 रुपये तक पहुंच गई है। डॉलर प्रतिदिन पिछले दिनों के कीर्तिमानों को पार किए जा रहा है। पर मोदी सरकार इसको रोकने के बजाय, इसे बढ़ाने का काम कर रही है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी साख गिरेगी?”

उनका कहना था, ”रिजर्व बैंक ने एक 22 अगस्त को एक परिपत्र जारी किया जिसके अनुसार, पिछले तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी एक अरब डॉलर तक की कीमत में रुपये को अमेरिकी मुद्रा में बदलवा सकती है। इससे मध्यवर्ग पर असर पड़ेगा, उपचार महंगा होगा, पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा।”

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ”हमने सोचा था कि रुपया 75 तक पहुंचकर और ‘मार्गदर्शक मंडल’ में जाकर रुक जाएगा। क्या अब मार्गदर्शक मंडल की परिभाषा 85 हो चुकी है? क्या मोदी जी रुपये को पेट्रोल की कीमत के बराबर करना चाहते हैं?” वल्लभ ने सवाल किया, ”मोदी जी, हम जवाब जानते हैं कि आपने रुपये की गिरती कीमत में आग में घी डालने का काम क्यों किया? यह बताइए कि इस परिपत्र से किसे फायदा मिला?”

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