English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-09-29 081833

केंद्र सरकार ने लंबे अर्से तक विचार मंथन करने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अनिल चौहान को देश का नया चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त कर दिया है।

कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति की मंजूरी के बाद सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान सीडीएस के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग के सचिव भी होंगे। पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलीकाप्टर दुर्घटना में निधन के बाद बीते करीब 10 माह से यह पद खाली था।

सेना में महत्‍वपूर्ण पदों पर रहे

जनरल रावत के बाद लेफ्टिनेंट जनरल चौहान देश के दूसरे सीडीएस होंगे। नए सीडीएस का कार्यकाल उनके पद भार संभालने से लेकर सरकार के अगले आदेश तक होगा। सेना में करीब 40 साल तक विशिष्ट सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए लेफ्टिनेंट जनरल चौहान अपने करियर में कई कमांड सहित अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का उन्हें व्यापक अनुभव है।

Also read:  सुनील गावस्कर ने मयंक अग्रवाल की तारिफ की, कहा-वो भारत में बॉस की तरह बल्लेबाजी करता है, लेकिन विदेशों में नहीं

नियमों में दी थी ढील 

मालूम हो कि जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद सरकार ने नए सीडीएस की नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव करते हुए उसे लचीला बना दिया था। पहले के नियम के हिसाब से केवल तीनों सेनाओं के प्रमुख पद पर रहे चार स्टार जनरल यानि सेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष और वायुसेनाध्यक्ष रहे व्यक्ति ही सीडीएस बन सकते थे। लेकिन नए नियमों के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल, वाइस एडमिरल और एयर मार्शल स्तर के तीन स्टार सैन्य अधिकारी भी सीडीएस बन सकते हैं।

Also read:  पीएम मोदी ने मन की बात में चंद्रयान-3 की सफलता का किया जिक्र, कहा-इस सफलता में वैज्ञानिकों के साथ-साथ अन्य दूसरे सेक्टर्स की भी रही अहम भूमिका

सैन्‍य अकादमी देहरादून के छात्र

इन्हीं नए नियमों के तहत लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को नया सीडीएस नियुक्त किया गया है। 18 मई, 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़गवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। मेजर जनरल रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी।

उत्तर-पूर्व में कोर की कमान संभाली

बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर-पूर्व में कोर की कमान संभाली। सितंबर, 2019 में पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमां¨डग-इन-चीफ बने और मई, 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति तक यह पद संभाला। इन कमांड नियुक्तियों के अलावा चौहान ने सैन्य संचालन महानिदेशक के प्रभार सहित महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।

Also read:  इस बार गरीब कैदियों के लिए विशेष ऐलान, कैदियों की जमानत का पैसा देगी सरकार

कई सम्‍मान से किए जा चुके हैं सम्‍मानित 

अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन की जिम्मेदारी संभाली। सेवानिवृत्ति के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में उनका योगदान देना जारी था। सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक आदि से सम्मानित किया जा चुका है।