English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-10-12 170149

हाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को विपक्षी दल को चेतावनी दी। उन्होंनें कहा कि चुनाव आयोग के ‘शिवसेना’ के नाम और ‘धनुष और तीर’ के चिन्ह पर रोक लगाने के कदम से उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं।ऐसा विरोधियों की वजह से हुआ है, अब हमारे कार्यकर्ता अपने विरोधियों को सबक सिखाएंगे।

 

दरअसल, चुनाव आयोग ने सोमवार को शिवसेना के ठाकरे धड़े को ‘मशाल’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया था। शिवसेना में विवाद पर एक आदेश में चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ और एकनाथ शिंदे समूह के नाम के रूप में ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ (बालासाहेब की शिवसेना) आवंटित किया था

Also read:  QFFD तुर्की और सीरिया में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता भेजा

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार इस साल जून में शिंदे के नेतृत्व में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद गिर गई थी। शिंदे बाद में भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।

बुधवार को पड़ोसी रायगढ़ जिले के उरण से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका संगठन इसे नष्ट करने और मजबूत होकर उभरने के सभी प्रयासों का सामना करेगा। हम अपने विरोधियों को करारा सबक सिखाएंगे। हमारा खौलता खून यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे विरोधियों को सबक सिखाया जाए।

Also read:  जल भंडार को बढ़ावा देने के लिए ओमान में एक अभूतपूर्व सौर विलवणीकरण परियोजना

ठाकरे ने आगे कहा कि निकट भविष्य में शिवसेना की लहर होगी और हमारी पार्टी से मुख्यमंत्री होगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने नए चुनाव चिन्ह ‘मशाल’ के बारे में हर घर में जागरूकता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हमें चुनाव की तैयारी करनी है- ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक।

Also read:  भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना 3962 नए केस दर्ज, 22 लोगों की मौत

चुनाव आयोग ने तीन नवंबर को होने वाले मुंबई में अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट के उपचुनाव से पहले दोनों गुटों को ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ का इस्तेमाल करने से रोक दिया था, ताकि प्रतिद्वंद्वी समूहों को एक समान स्थिति में रखा जा सके और उनके अधिकारों और हितों की रक्षा की जा सके।

अभिषेक दीक्षित