पटना:
बिहार के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) में राजनीतिक दल और नेता पूर्व के चुनावों की तरह जनसभाएं कर सकते हैं. इस बात की पुष्टि खुद मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने की है. चुनाव आयोग की टीम ने राज्य के तीन दिवसीय दौरे के बाद बृहस्पतिवार शाम पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले जो केवल वर्चुअल रैली की बात की गई थी, उसमें सच्चाई नहीं है. उनके अनुसार आयोग द्वारा मेहनत और इंतजाम और अधिकारियों के साथ बैठक की जाती है. उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को उस जिले के वैसे ग्राउंड और हाल का ब्योरा सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है, जहां छोटी सभा या जनसभा का आयोजन किया जा सके.
यह जिम्मेदारी जिलाधिकारियों पर होगी कि वह सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य दिशा-निर्देशों का अनुपालन कैसे कराते हैं. चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि धार्मिक तनाव या नफरत फैलाने के पोस्ट पर आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ मानक तैयार किए गए हैं.
साथ ही चुनाव कार्य के दौरान अगर किसी की मौत कोरोनावायरस (Coronavirus) से होती है, तो उसे 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार को अब निर्देश दिया गया है कि 80 वर्ष से ऊपर के वोटरों या दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट के लिए निर्वाची पदाधिकारी की कार्यालय में आवेदन के लिए जाना नहीं होगा बल्कि ऐसे लोगों के घर पर बीएलओ अब खुद जाकर आवेदन लेंगे.