English മലയാളം

Blog

लंदन: 

ब्रिटेन ने बुधवार (30 दिसंबर) को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca-Oxford ) द्वारा विकसित कोरोनोवायरस (Coronavirus) वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी है क्योंकि यह वैक्सीन, नए कोविड स्ट्रेन (New Covid-19 Strain) जो अत्यधिक संक्रामक है और ठंड में तेजी से बढ़ता है, के खिलाफ लड़ता है. ब्रिटेन में इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली यह दूसरी वैक्सीन है. इससे पहले फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer and BioNTech) की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है.

Also read:  पिछले 24 घंटे में देश में 2202 कोरोना के नए केस मिले, 27 मरीजों की हुई मौत

ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, “सरकार ने आज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी / एस्ट्राजेनेका के COVID-19 वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए अधिकृत करने के लिए मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है.”

Also read:  बीजेपी का बड़ा ऐलान- केरल में 'मेट्रोमैन' ई श्रीधरन होंगे CM उम्मीदवार

एक साल पहले चीन के वुहान शहर से शुरू होने वाली इस महामारी की वजह से दुनिया भर में 17 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा इस महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है और अरबों लोगों के जीवन को  खतरे में डाला है.

Also read:  डीएसजीएमसी ने किसानों के खिलाफ 'आपत्तिजनक' ट्वीट पर कंगना रनौत को भेजा नोटिस

ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका इस वक्त कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन से जूझ रहे हैं. वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों के मुताबिक कोविड-19 का यह नया वैरिएंट अधिक संक्रामक और खतरनाक है. इसकी वजह से भारत समेत कई देशों ने ब्रिटेन से यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।