English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-02-28 200509

यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान का प्रतिशत 60 के आंकड़े को पार नहीं कर पाया। पिछले चार चरणों में भी मतदाताओं में 2017 और 2012 जैसा उत्साह देखने को नहीं मिला। वोटिंग परसेंटेज कम रहने का किसे नुकसान होगा और किसे फायदा राजनीतिक रणनीतिकार अब इस पर माथा पच्ची कर रहे हैं।

रविवार को अवध क्षेत्र के अयोध्या से बुंदेलखंड के चित्रकूट तक जिन 61 सीटों के लिए मतदान हुआ उन पर कुर्मी वोटों का अच्छा-खासा प्रभाव बताया जाता है। इस बार इन सीटों पर 57.32 फीसदी मतदान हुआ है जबकि 2017 के चुनाव में 58.27 प्रतिशत मतदान हुआ था। कहने को यह सिर्फ एक फीसदी की गिरावट है लेकिन जानकारों का कहना है कि इस बार सीटों पर जीत-हार का अंतर काफी कम रहने वाला है और ऐसे में एक फीसदी का अंतर भी परिणाम पर बड़ा फर्क डाल सकता है। मतदान पर नज़र बनाकर रखने वाले लोगों का कहना है कि इस बार शहरी क्षेत्र के बूथों पर वैसा उत्साह देखने को नहीं मिला जैसा पिछली बार दिखा था।

Also read:  आंखों की सेहत के लिए काली गाजर फायदेमंद, आज हम आपको काली गाजर के सेहत लाभ बताते है…

2012 के चुनाव में इन्हीं 61 सीटों पर 55.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2017 में 58.24 प्रतिशत के साथ इसमें करीब तीन फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। जानकारों का कहना है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ने या घटने से किसे लाभ होगा और किसे नुकसान यह बहुत कुछ सीट विशेष की स्थितियों पर निर्भर करता है लेकिन ज्यादातर देखा गया है वोटिंग प्रतिशत में इजाफे का लाभ विपक्ष को मिलता है। कई बार ज्यादा वोटिंग बदलाव का संकेत देती है। इसके साथ ही कांटे की टक्कर वाली सीओं पर भी ज्यादा वोटिंग होती है क्योंकि वहां मुख्य प्रतिद्वंदी उम्मीदवार अपने पक्ष के ज्यादा से ज्यादा वोट पोल कराने के लिए पूरा जोर लगा देते हैं।

Also read:  'महाकाल लोक' के दूसरे चरण का रोड मैप सामने आ गया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को समीक्षा की

2017 में ज्यादा वोटिंग से बीजेपी को हुआ था फायदा

2017 के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से भाजपा को जबरदस्त फायदा हुआ था और उस समय सत्ता में रही समाजवादी पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। उस चुनाव में भाजपा ने 61 में से 50 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि दो अन्य सीटें उसकी सहयोगी अपना दल को मिली थीं। 2012 के विधानसभा चुनाव को देखें तो 61 में से भाजपा को सात, सपा को 41, कांग्रेस को छह और अन्य को एक सीट मिली थी। भाजपा को कुल 42 सीटों का फायदा मिला था जबकि सपा को 36, कांग्रेस को पांच और बसपा को पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था।

Also read:  सूर्य से लेकर चंद्रमा तक और पहला गगनयान मिशन

किस सीट पर पड़े कितने फीसदी मत
जिला 2017 2022

प्रयागराज 54.13 50.89

बाराबंकी 67.42 54.65

अमेठी 56.59 52.77

रायबरेली सलोन 56.76 56.06

सुल्तानपुर 57.4 54.88

चित्रकूट 60.61 63.50

प्रतापगढ़ 55.84 50.25

कौशाम्बी 56.95 57.01

अयोध्या 60.89 58.01

बहराईच 58.67 55.00

श्रावस्ती 63.19 57.24

गोण्डा 57.54 54.31