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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी विवादों में फंस गए हैं। 

 

मामले को लेकर कांग्रेस आज संसद से सड़क तक प्रदर्शन करेगी। विपक्षी पार्टी ने आज भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) दफ्तरों और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शाखाओं के सामने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। पार्टी ने शनिवार को एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी।

कांग्रेस ने कहा, ‘PM मोदी के मित्र अडानी पर दुनिया के सबसे बड़े घोटाले का आरोप है। लेकिन इस पूरे मामले में PM मोदी चुप हैं। न कोई जांच, न कोई कार्रवाई. मोदी सरकार की इस खामोशी के खिलाफ कांग्रेस कल (6 फरवरी) देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। जवाब तैयार रखिए, जनता आ रही है।’

अडानी मामले पर PM तोड़ें अपनी चुप्पी- कांग्रेस

कांग्रेस ने अडानी समूह पर लगे आरोपों को लेकर केंद्र पर हमला तेज करते हुए रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर मोदी सरकार की गहरी चुप्पी से मिलीभगत की बू आती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी रविवार से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने रोजाना तीन सवाल रखेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने को कहा है।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद शेयरों में गिरावट

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च के खुलासे के बाद गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। जब से हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर खुलासा किया है तब से कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टी मोदी सरकार पर हमलावर है। इसके कारण पिछले गुरुवार और शुक्रवार को संसद में जमकर हंगामा भी हुआ। दोनों सदनों को आज तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।

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अडानी विवाद पर कांग्रेस की तीन मांगें

इससे पहले कांग्रेस ने अडानी मामले पर तीन मांगे रखी थीं। इसमें पहली मांग ये थी कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में जांच हो और रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। दूसरी मांग थी कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच हो और संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए। वहीं एलआईसी, एसबीआई व अन्य राष्ट्रीय बैंकों के अडानी ग्रुप में निवेश की संसद में गहन चर्चा हो, ये तीसरी मांग थी।

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SBI-LIC में लगा है करोड़ों लोगों का पैसा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि एलआईसी और राष्ट्रीय बैंकों में करोड़ों लोगों का पैसा लगा है। सरकार ऐसी कंपनियों में सरकारी संस्थानों को निवेश या कर्ज देने को क्यों मजबूर करती है जिनका हिंडनबर्ग रिपोर्ट में खुलासा किया है। इसको लेकर JPC का गठन किया जाना चाहिए. वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि उन 45 करोड़ भारतीय नागरिकों के निवेश की सुरक्षा का सवाल है, जिन्होंने एलआईसी में पैसा लगाया है।