English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-01-03 102938

आजादी के सौवें साल यानी 2047 में अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बना देने की कल्पना कपोल कल्पित नहीं है बल्कि इस दिशा में गंभीर प्रयास भी शुरू हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस परिकल्पना को साकार करने में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सबसे बड़ी पहल की है।

उन्होंने अपने विभाग से ही अकेले 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं का प्रस्ताव तैयार करा दिया है। इन परियोजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतारने में सांसद लल्लू सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यही कारण है कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को न केवल राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिला बल्कि चार हजार करोड़ की लागत से 275 किलोमीटर के हाईवे के निर्माण को भी मंजूरी मिल गयी। इसके अलावा दस हजार करोड़ की लागत से वाया अयोध्या होकर गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन बनाने की परियोजना को भी हरी झंडी मिल गयी। इसके अतिरिक्त छह हजार करोड़ की लागत से करीब 70 किलोमीटर रिंग रोड जिसे अब बाईपास रोड़ नाम दे दिया गया को मंजूरी ही नहीं मिली बल्कि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी छह जनवरी को इसकी आधारशिला भी रखेंगे।

Also read:  रिषभ पंत ने रचा इतिहास, टेस्ट में लगाई सबसे तेज सेंचुरी

यह रोड तीन जिलों अयोध्या, बस्ती और गोंडा से होकर गुजरेगी। इसका डीपीआर अहमदाबाद की कंपनी की ओर से तैयार किया गया है जिसमें अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा भी शामिल है। एनएचआई के महाप्रबंधक ने तीनों जिलों के जिलाधिकारियों से मुआवजा निर्धारित कराने की अपेक्षा की है। सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि चार रेलवे ओवरब्रिज, सरयू नदी पर दो पुल और पांच प्रमुख मार्ग पर निर्माण होने हैं। इस बाईपास से कनेक्टिविटी पहले से बेहतर होगी। धार्मिक पर्यटन के साथ कारोबारियों को भी फायदा होगा।

Also read:  अग्निपथ योजना' मनमानी नहीं-सुप्रीम कोर्ट

84 कोसी परिक्रमा के लिए एनएच विंग का सर्वे पूरा
84 कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने सर्वे पूरा कर लिया है। इस मार्ग से पौराणिक महत्व के 51 तीर्थ स्थल जुड़ेंगे। करीब चार हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए जमीन लेने का काम दिसंबर 2022 तक तय है। मौजूदा समय में अयोध्या, अम्बेडकरनगर, गोंडा, बाराबंकी और बस्ती से गुजरने वाला यह परिक्रमा मार्ग करीब 233 किमी लंबा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बनाए जाने वाला परिक्रमा मार्ग 275 किमी लंबा होगा। इस नए मार्ग से पुरानी परिक्रमा मार्ग पर स्थित न सिर्फ सभी तीर्थस्थल जोड़े जाएंगे, बल्कि पुराने परिक्रमा मार्गों को भी ठीक किया जाएगा। इसके लिए चौड़ाई में 45 मीटर जमीन ली जाएगी।

Also read:  पिछले 24 घंटे में देश में 2202 कोरोना के नए केस मिले, 27 मरीजों की हुई मौत