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नई दिल्ली: 

किसान आंदोलन के तहत 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के तहत हुई हिंसा के बाद आंदोलन को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. एक ओर जहां हिंसा के बाद कुछ किसान संगठनों ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया था, वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत की आह्वान पर देशभर के किसान एकजुट हो रहे हैं. वहीं, कई राजनीतिक दल भी प्रदर्शनस्थल पर दिखाई दे रहे हैं. राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी शुक्रवार को गाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला.

चौधरी ने कहा कि ‘प्रशासन पर कुछ दबाव होना चाहिए लेकिन किसान जगह खाली नहीं करना चाहते हैं. यह मुद्दा संसद में उठना चाहिए. अगर सरकार पीछे हटती है तो वो कमजोर नहीं कहलाएगी, बल्कि इससे उसकी नेतृत्व क्षमता आगे जाएगी. पीएम को इसपर बोलना होगा. उन्हें किसानों का विश्वास जीतना होगा.’

जयंत चौधरी की पार्टी ने भारतीय किसान यूनियन को अपना समर्थन दिया है. बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजीत सिंह ने भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) को समर्थन का ऐलान किया है. बीकेयू के सदस्य केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-गाज़ियाबाद सीमा पर धरने पर बैठे हैं. आरएलडी उपाध्यक्ष और अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत एवं प्रवक्ता राकेश टिकैत से बातचीत की है.

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आरएलडी उपाध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘चिंता मत कीजिए, किसान के लिए यह जीवन-मरण का प्रश्न है. सबको एक होना है, साथ रहना है – यह संदेश दिया है चौधरी साहब ने.’

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बता दें कि बड़े किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के दोनों बेटे राकेश और नरेश बीकेयू की अगुवाई कर रहे हैं जिसके सदस्य केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले दो महीने से यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर डेरा डाले हुए हैं. केंद्र सरकार पिछले साल सितंबर में ये कृषि कानून लेकर आई थी.

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