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 दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में रामचरितमानस के हिंदी काव्यानुवाद का विमोचन किया गया। जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने महाकाव्य के नए प्रारूप का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।

 

राजनाथ सिंह ने कहा, प्रभु श्री राम के जीवन पर आधारित रामचरितमानस न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में नैतिक, मानवीय, व्यवहारिक गरिमा का पाठ पढ़ाता आया है। यह ग्रंथ समस्त मानवता के लिए करुणा, प्रेम और आदर्श का साक्षात पुंज है। गोस्वामी तुलसीदास का राम कथा को लोककथा बनाने में सबसे बड़ा योगदान रहा है। उन्होने कहा कि खड़ी हिंदी बोली में इसे रूपांतरण कर एक उत्कृष्ट कार्य किया गया है। आने वाली पीढि़यों के लिए यह प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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अनुराग सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा, श्री राम की कथा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से मध्यकाल में संस्कृत के प्रकांड पंडित गोस्वामी तुलसीदास ने रामकथा को रामचरितमानस के रूप में उत्तर भारत में प्रचलित जनभाषा अवधी को चुना। अति कर्ण-प्रिय और अर्थवान होने पर भी महाकाव्य को मध्यकाल की जन-भाषा अवधी भाषा में लिखा गया है। इसका सही-सही अर्थ अधिकांश हिंदी-भाषियों को भी समझ में नहीं आ पाता है।

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उन्होंने कहा, जिस उद्देश्य से गोस्वामी जी ने रामकथा को जनभाषा अवधी में लिखने का निश्चय किया था। वह आज भी प्रासंगिक है। यह सम- सामयिक आवश्यकता है कि अवधी में लिखे इस अद्भुत महाकाव्य को हिंदी काव्य-रूप में घर- घर तक पहुंचाया जाए।

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अनुराग सिंह ठाकुर ने महाकाव्य के सुन्दर काण्ड के ऑडियो प्रारूप का भी सोशल मीडिया के लिए लोकार्पण किया। समारोह में जगतगुरु रामानंदाचार्य, स्वामी रामराजेश्वराचार्य महाराज, महंत रवींद्र पुरी, स्वामी जितेन्द्रनाथ महाराज, दण्डी स्वामी जितेन्द्रनाथ सरस्वती महाराज जी व धीरज भटनागर मौजूद थे।