English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: 

पश्चिम बंगाल का सियासी घमासान (West Bengal Assembly Election 2021) हर दिन के साथ दिलचस्प होता जा रहा है. इस सियासी रण की सबसे हॉट सीट बनी नंदीग्राम (Nandigram) में राजनीति के हर दांव पेंच को देखा जा रहा है. आज राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आज पश्चिम बंगाल में हैं, वह 11 बजे किसानों की महापंचायत में हिस्सा लेंगे और शाम 4 बजे केंद्र  कृषि कानून के खिलाफ भाषण देंगे. हालांकि राकेश टिकैत ने शुक्रवार को इशारा किया कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए अपना कंधा नहीं देंगे, उन्होंने कहा कि वह सीधे तौर पर BJP को वोट न देने की अपील के खिलाफ हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि हमारे कंधे इतने कमजोर नहीं है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का सहारा बनें.

Also read:  UP Election 2022: आजम करेंगे जेल से नामांकन, कोर्ट ने दी अनुमति; सपा ने रामपुर सदर से दिया है टिकट

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं. इन कानूनों पर किसानों की सरकार से जनवरी के बाद कोई बातचीत नहीं हुई है, जिसके चलते गतिरोध बना हुआ है. यही वजह है कि किसान नेताओं का ज्यादा फोकस अब किसान महापंचायत पर है. किसानों ने सरकार के खिलाफ कमर कसते हुए पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ प्रचार करने का मन बनाया है. टिकैत समेत कई नेता इन दिनों पश्चिम बंगाल में हैं.

Also read:  आपके घर में देश के लिए कुत्ता तक मरा है? क्या(किसी ने) कोई क़ुर्बानी दी है? - मल्लिकार्जुन खड़गे

किसान नेताओं की यह मुहिम पश्चिम बंगाल के चुनावों में बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचाएगी, इसके लिये चुनाव नतीजों का इंतज़ार करना होगा लेकिन किसान नेताओं का ये दांव फिलहाल बीजेपी के लिए परेशानी का सबब जरूर है.

नंदीग्राम पहली बार 2000 के दशक में राष्ट्रीय सुर्खियों में आया जब भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ममता बनर्जी के नेतृत्व में आंदोलन हुआ था. इसके बाद यह क्षेत्र उस समय फिर खबरों में आ गया जब मुख्यमंत्री ने शुभेंदु अधिकारी से मुकाबला करने के लिए नंदीग्राम सीट से ही विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की. अधिकारी कभी ममता के करीबी होते थे लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए. बनर्जी इस सप्ताह नंदीग्राम में अपने चुनाव प्रचार के दौरान 12 मंदिरों और एक मजार पर गयीं। लेकिन हादसे में घायल हो जाने के कारण उन्हें अपनी यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ी. अधिकारी ने दावा किया कि ममता ने सही तरीके से चंडी पाठ नहीं किया. उन्होंने ममता को “मिलावटी हिंदू बताया जो तुष्टीकरण की राजनीति के पाप से अलग नहीं हो सकतीं.”