English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-03-21 113911

पीएम मोदी (PM Modi) ने उन 29 पुरावशेषों (29 antiquities) का निरीक्षण किया जिन्हें ऑस्ट्रेलिया (Australia) द्वारा भारत वापस लाया गया है।

 

थीम के मुताबिक, पुरावशेष 6 व्यापक श्रेणियों में हैं – शिव और उनके शिष्य, शक्ति की पूजा, भगवान विष्णु और उनके रूप, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी वस्तुएं। पीएमओ ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि ये मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार की सामग्री – बलुआ पत्थर, संगमरमर, कांस्य, पीतल, कागज में निष्पादित मूर्तियां और पेंटिंग हैं। भारत में एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए प्राचीन वस्तुएं राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से हैं। बता दें कि ये पुरावशेष अलग-अलग समय अवधि से आते हैं, जो 9-10 शताब्दी ईस्वी पूर्व के हैं।

 

 

Also read:  मेडिकल कॉलेजों के साथ ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलेगी सरकार

भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन आज

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन आज यानी सोमवार को एक डिजिटल शिखर बैठक करेंगे, जिसमें व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रों सहित दोनों पक्षों के बीच संपूर्ण व्यापक रणनीतिक संबंधों को और आगे बढ़ाने की उम्मीद है। मोदी और मॉरिसन के बीच जून 2020 में हुई पहली डिजिटल शिखर बैठक के बाद सोमवार को बैठक होने वाली है। उस वक्त भारत-आस्ट्रेलिया संबंध को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक ले जाया गया था।

 

राजनयिक सूत्रों ने बताया कि मॉरिसन भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की एक निवेश योजना की घोषणा करेंगे। इसमें स्वच्छ प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग के लिए 183 करोड़ रुपये तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में संबंध बढ़ाने के लिए 136 करोड़ रुपये शामिल हैं। बैठक में दोनों पक्षों के ‘दुर्लभ खनिज’ के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक विशेष घोषणा करने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया वैश्विक लिथियिम उत्पादन का 55 प्रतिशत उत्पादित करता है और उसके पास विश्व के लिथियम भंडार का करीब 20 प्रतिशत है।

Also read:  उत्तराखंड: जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से तबाही, कई लोगों के फंसे होने की आशंका,ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के भी बहने की खबर

1500 करोड़ रुपये का निवेश द्विपक्षीय संबंध में किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा

सूत्रों ने बताया कि 152 करोड़ रुपये का कुल पैकेज अलग से नए केंद्र स्थापित करने के लिए रखा जाएगा जो द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेंगे, 97 करोड़ रुपये अलग से कौशल विकास के लिए और 136 करोड़ रुपये अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाने के लिए होगा। उन्होंने बताया कि 1500 करोड़ रुपये का निवेश ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध में किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा।

Also read:   महाराष्ट्र के वयोवृद्ध नेता शरद पवार ने NCP अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान, पार्टी में चल रहा था भारी गतिरोध

सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच युवा रक्षा अधिकारियों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का नाम भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत के नाम पर होने की संभावना है जिनकी मौत पिछले साल दिसंबर में हेलीकॉप्ट दुर्घटना में हो गई थी।