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तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग लेने आए प्रवासी राजस्थानियों (एनआरआर) के लिए दूसरे दिन, सोमवार को ‘मीट एंड ग्रीट‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इंदौर में होटल सयाजी में आयोजित इस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, श्रीमती वीनू गुप्ता और कमिश्नर राजस्थान फाउंडेशन श्री धीरज श्रीवास्तव ने संबोधित किया। इस अवसर पर कुवैत, केन्या, क़तर, यूगांडा, पोलैंड, अमेरिका, इंग्लैंड, दुबई और अन्य कई देशों से लगभग 40 प्रवासी राजस्थानियों ने स्वयं अथवा प्रतिनिधिमंडल सहित भाग लिया।

इस अवसर पर राजस्थान सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि ‘‘हमारी नई एनआरआर नीति पांच ‘सी‘ – कनेक्ट, कल्चर, कम्यूनिटी, केयर और कॉन्ट्रिब्यूशन अवधारणा पर आधारित है। इस नीति में राज्य के विकास में एनआरआरएस को जोड़ने एवं उनके योगदान पर फोकस किया गया है। इसके साथ ही प्रवासी राजस्थानियों की समस्याओं को हल करने और उनके कल्याण के लिए काम करने के लिए तंत्र विकसित करने के प्रावधान हैं। इस नीति का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राजस्थान फाउंडेशन के तहत 1,00,000 से अधिक एनआरआर को शामिल करते हुए एनआरआर के व्यापक आधार से जुड़ना है।‘‘

 

कमिश्नर, राजस्थान फाउंडेशन, श्री धीरज श्रीवास्तव नेे कहा कि “राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की दूरदर्शी सोच और विज़न के अनुरूप प्रवासी राजस्थानियों को उनकी मातृभूमि से जोड़ने के उद्देश्य के तहत राजस्थान फाउंडेशन कार्यरत है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रख कर यूरोप, यूएस, ब्रिटेन, दुबई, केन्या एवं अन्य देश जहां प्रवासी राजस्थानी बड़ी संख्या में कार्यरत है, वहाँ राजस्थान फाउंडेशन अपनी पहुँच बढ़ा रहा है। हाल ही में लांच की गई एनआरआर नीति के तहत राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में एनआरआरएस (नॉन रेजिडेंट राजस्थानियों) को शामिल करने और उनके साथ लाभकारी संबंध बनाने की योजना बनाने का प्रस्ताव है।”
पीबीडी सम्मेलन के अंतिम दिवस, 10 जनवरी को आयोजित समापन सत्र में भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पोलैंड के प्रवासी राजस्थानी अमित कैलाश चंद्र लाठ को व्यवसाय एवं सामुदायिक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। इस वर्ष राष्ट्रपति द्वारा प्रवासी भारतीयों को विभिन्न श्रेणियों में कुल 27 पुरस्कार दिये जायेंगे जिसमें श्री अमित कैलाश चंद्र लाठ भी शामिल हैं।

 

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उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वाेच्च सम्मान है। यह पुरस्कार भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा अनिवासी भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों अथवा उनके द्वारा स्थापित एवं संचालित संगठन/संस्थान की उत्कृष्ट उपलब्धियों पर पीबीडी के हिस्से के रूप में प्रदान किया जाता है।

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