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भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों पर पत्रकारों ने जॉनसन से मांगी थी प्रतिक्रिया। जॉनसन ने कहा कि हम मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के सवालों से कैसे निपटते हैं को लेकर बातचीत करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में समुदायों के लिए संवैधानिक सुरक्षा है, भारत दुनियाभर में निरंकुशता से बहुत अलग है।

नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने नई दिल्ली में अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद कहा कि ब्रिटन भारत के साथ दोस्ताना और निजी तरीके से मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकता है।

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डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, जॉनसन एक पत्रकार को जवाब दे रहे थे, जिन्होंने पूछा था कि क्या उन्होंने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के साथ-साथ देश में लोकतंत्र कम होने के बारे में पश्चिमी देशों में बढ़ती धारणाओं पर चिंता व्यक्त की है।

जॉनसन ने भारत के अपने दो दिवसीय दौरे के खत्म होने से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर हम भारत के साथ हमारे संबंध और हम मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के सवालों से कैसे निपटते हैं को लेकर बातचीत करते हैं लेकिन हमारी दोस्ती का फायदा यह है कि हम उन्हें कर सकते हैं, और हम उन्हें एक दोस्ताना और निजी तरीके से रख सकते हैं।

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जॉनसन ने कहा कि यह महसूस करना बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत में समुदायों के लिए संवैधानिक सुरक्षा है, भारत दुनियाभर में निरंकुशता से बहुत अलग है। यह एक महान लोकतंत्र है…. लगभग 1.35 अरब लोग लोकतंत्र में रहते हैं और हमें इसका जश्न मनाना चाहिए।

बता दें कि, अपनी भारत यात्रा के पहले दिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री को तब आलोचनाओं को सामना करना पड़ा था जब उन्होंने गुजरात में ब्रिटेन स्थित कंपनी, जोसेफ सिरिल बामफोर्ड एक्सकेवेटर्स लिमिटेड के एक नए संयंत्र का उद्घाटन किया और फोटो खिंचाने के लिए कंपनी द्वारा निर्मित बुलडोजर पर बैठे। एमनेस्टी इंडिया ने भी गुरुवार को इसके लिए जॉनसन की निंदा की थी।

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उनका यह कदम इसलिए विवादित बन गया क्योंकि हाल के दिनों केंद्र में सत्ताधारी भाजपा की कई प्रदेशों की सरकारों पर अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों के घरों को बिना वैध कानूनी कार्रवाई के बुलडोजर द्वारा ध्वस्त किए जाने का आरोप लग रहा है।