English മലയാളം

Blog

ब्रिसबेन: 

पूरी दुनिया में कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कहर से जूझ रही है. दुनिया में COVID-19 के अब तक 3.71 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. भारत में कोरोना के अब तक 70 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं जबकि 60 लाख से ज्यादा मरीज़ वायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं. इस बीच, एक अध्ययन में कहा गया है कि कोरोनावायरस बैंक नोट और मोबाइल फोन जैसे उत्पादों पर ठंडे और डार्क परिस्थितियों में 28 दिन तक जीवित रह सकता है. ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय साइंस एजेंसी ने यह बात कही.

Also read:  कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण आज से शुरू,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ली पहली डोज

एजेंसी ने सोमवार को कहा कि सीएसआईआरओ के डिसीज प्रीपेडनेस सेंटर के शोधकर्ताओं ने इस बात का परीक्षण किया कि अंधेरे में तीन डिग्री सेल्सियस तापमान पर SARS-CoV-2 कितने समय तक जीवित रह सकता है. इस परीक्षण में पता चला है कि गर्म परिस्थितियों में वायरस की जीवित रहने की दर कम हो जाती है.

Also read:  देश में 600 के पार पहुंचे ओमिक्रॉन के मामले, दिल्ली और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस

वैज्ञानिकों ने पाया कि 20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर SARS-CoV-2 वायरस कांच (मोबाइल फोन की स्क्रीन), स्टील और प्लास्टिक के बैंक नोट पर “तेजी से फैलता” है और 28 दिनों तक जीवित रह सकता है. 30 डिग्री तापमान (86 Fahrenheit) पर वायरस के जीवित रहने की संभावना घटकर सात दिन पर आ गई जबकि 40 डिग्री (104 Fahrenheit) पर वायरस सिर्फ 24 घंटे तक ही जीवित रह सकता है.

Also read:  कोरोनावायरस : 3 महीने में सबसे कम नए मामले आए सामने, पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए 46,790 केस

शोधकर्ताओं ने कहा कि वायरस कम तापमान पर खुरदरी सतह में काम देर तक जीवित रह पाता है. स्टडी में कहा गया है कि कपड़े जैसी खुदरा सतह पर ये 14 दिनों के बाद जीवित नहीं रह सकता है.