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त्तर प्रदेश में अब Nagar Nigam Eleation को लेकर माहौल गरमाता जा रहा है। सभी राजनीतिक दल नवंबर और दिसंबर में होने वाले आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए घर-घर जाकर प्रचार करने की योजना बनाने में जुटे हुए हैं।

 

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो यूपी में होने वाले नगर निकाय का चुनाव सभी पार्टियों के 2024 के आम चुनावों में अपनी क्षमता साबित करने का भी एक अवसर होगा। इसमें जिस तरह का प्रदर्शन राजनीतिक पार्टियां करेंगे उसी के हिसाब से अगले लोकसभा चुनाव में उनकी क्षमताओं को आंका जाएगा। Bhartiya Janta Party, Samajwadi Party और Bahujan Samaj Party ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है।

यूपी में इस बार 17 नगर निगमों के लिए होगा चुनाव

राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 438 नगर पंचायत, 199 नगर पालिका परिषद और 17 नगर निगम हैं। शहरी स्थानीय निकायों के लिए पिछला चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2017 में हुआ था, जब भारतीय जनता पार्टी ने 16 मेयरल सीटों में से 14 पर जीत हासिल की थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने दो- अलीगढ़ और मेरठ पर जीत हासिल की थी। बाद में, शाहजहांपुर को भी नगर निगम का दर्जा दिया गया, जिससे राज्य में नगर निगमों की कुल संख्या 17 हो गई है।

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बीजेपी में निकाय चुनाव को लेकर चल रही बैठकें

Bhartiya Janta Party के राज्य प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने 2024 के चुनावों में राज्य की सभी 80 सीटों पर कब्जा करने पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि, “हम शहरी निकाय चुनावों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और उन्हें आम चुनावों के समान मान रहे हैं। कार्ययोजना तैयार करने के लिए शनिवार को प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय के प्रभारी एवं सह प्रभारी की बैठक हुई है। हर घर अभियान के तहत भाजपा हर घर का दौरा करेगी और लोगों का समर्थन मांगेगी। भाजपा ने राज्य में हाल के विधानसभा चुनावों में व्यापक जीत दर्ज की है और वह निकाय चुनावों में अपना प्रदर्शन दोहराएगी।

निकाय चुनाव के प्रबंधन में जुटी है सपा

इस बीच, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी चुनावी प्रबंधन में जुट गई है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब दो महीने पहले सभी नगर निगम क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त किए थे और संगठन इन चुनावों को जीतने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। चौधरी ने कहा कि बूथ स्तर पर प्रभारी नियुक्त किए गए हैं और राज्य चुनाव आयोग द्वारा नगर निगम क्षेत्रों के परिसीमन और आरक्षण के कार्य के बाद अगले महीने की शुरुआत में सपा उम्मीदवारों का चयन भी किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि हालांकि दोनों चुनावों में अंतर था, लेकिन जनता के बीच पार्टी की तैयारी और लोकप्रियता का स्तर निश्चित रूप से इन चुनावों के परिणामों से लगाया जाएगा।

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बसपा भी देगी बीजेपी-सपा को टक्कर

वहीं Bahujan Samaj Party भी अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। लंबे समय बाद वह नगर निकाय के चुनाव में उतर रही है। पार्टी के पदाधिकारियों की माने तो आम चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और अपनी तैयारियों को परखने के लिए इस चुनाव में उतरने का फैसला किया गया है। बसपा ने विधानसभा चुनाव में 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में सिर्फ एक सीट पर ही सिमट गई थी। इसके बाद अब वह शहरी निकाय चुनावों के माध्यम से मजबूत वापसी करने की इच्छुक है। बसपा के एक नेता ने कहा कि हर घर दस्तक अभियान के तहत पार्टी डॉ भीमराव अंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम और अन्य दलित नेताओं की विचारधारा को लोगों तक ले जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने 1 जून को सदस्यता अभियान शुरू किया था। अब हम लोगों को बसपा की विचारधारा से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और कई अन्य अभियान जल्द ही शुरू किए जाएंगे।”

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क्या विरोधियों को चौंका पाएगी कांग्रेस

वहीं कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियों को मूर्त रूप देने शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने हाल ही में यूपी में एक दलित नेता बृजलाल खाबरी को अपना नया अध्यक्ष बनाया है। इसके साथ ही पार्टी ने 6 क्षेत्रिय अध्यक्षों की भी तैनाती की है। तैयारियों को लेकर अब कांग्रेस में भी बैठकों का दौर शुरू हो गया है। पार्टी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनावों में चौंकाने वाली योजना बनाकर नई शुरुआत करना चाहती है। अवस्थी ने कहा कि पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खबरी और उनके सहयोगी प्रांतीय अध्यक्षों के कार्यभार संभालने के साथ ही नगर निकाय चुनाव की तैयारी जोरों पर शुरू हो गई थी।