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र्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत को पहली स्वदेशी वैक्सनी मिलने वाली है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से एक सितंबर यानी कल देश का पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च की जाएगी।

 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, स्वदेशी रूप से विकसित भारत की पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) लॉन्च की जाएगी।

नौ से 14 साल की लड़कियों को दिया जा सकता है टीका

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टीके पहले नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को दिए जा सकते हैं। इस टीके से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, शुरुआत में ये टीके सिर्फ लड़कियों को दिए जाएंगे, लेकिन बाद में इसे लड़कों को भी लगाया जाएगा। देश में टीका तैयार करने की वजह से कीमत कोई बड़ी बाधा नहीं बनेगी।

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एचपीवी वैक्सीन की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये प्रति खुराक

देश में इस समय एचपीवी के दो टीके मौजूद हैं, जिनका निर्माण विदेशी कंपनियों द्वारा होता है। इनमें एक टीका गार्डसिल है जिसे मर्क तैयार करती है, जबकि दूसरी सर्वेरिक्स है, जिसे ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन तैयार करती है। बाजार में एचपीवी वैक्सीन की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये प्रति खुराक है। उम्मीद है कि सीरम के इस क्षेत्र में उतरने से कीमतें कम होंगी। सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में इस टीके को शामिल करना, महिलाओं में सर्विकल कैंसर की समस्या को कम करने की दिशा में यह अहम कदम साबित हो सकता है।

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महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर

देश में औरतों को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर है। एचपीवी सेंटर के ताज़ा एस्टिमेट के मुताबिक, भारत में हर साल एक लाख 23 हज़ार से ज्यादा औरतें इस कैंसर का शिकार होती हैं और 77 हजार से ज्यादा औरतों की मौत इससे होती है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस समय पूरे देश में लगभग पांच फीसदी महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं। उन्हें एचपीवी-16/18 संक्रमण होता है। वहीं करीब 83 फीसदी सर्विकल कैंसर में एचपीवी 16 या 18 का संक्रमण होता है। एचपीवी संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है और पूरी दुनिया में लगभग 70 फीसदी सर्विकल कैंसर के लिए एचपीवी 16 और 18 संक्रमण ही कारक बनता है।

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