कप्तान रोहित शर्मा कहें या फिर हेड कोच राहुल द्रविड़, जिसने भी टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन और बैटिंग आर्डर पर फैसला लिया होगा, वो अब दोनों ओर से घिर गया है।
न तो नए रास्ते पर चलते बन रहा है और न ही जो फैसला पहले लिया गया था, वही सुहा रहा है। ऐसे में भारतीय टीम अब दोनों ओर से घिरती नजर आ रही है और सीरीज का आखिरी मुकाबला अब महज एक दिन की दूरी पर है। सीरीज इस वक्त बराबरी पर है और तीसरा मैच जो भी टीम जीतेगी, उसी का सीरीज पर कब्जा हो जाएगा।
भारत बनाम वेस्टइंडीज सीरीज का आखिरी वनडे मैच एक अगस्त को
भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही वनडे सीरीज का आखिरी मुकाबला एक अगस्त को खेला जाएगा। पहला मैच टीम इंडिया ने अपने नाम किया था, लेकिन दूसरे मैच में वेस्टइंडीज ने पलटवार किया और मैच जीतकर सीरीज को बराबरी ला खड़ा किया। हालांकि कहना तो ये चाहिए कि दूसरा मुकाबला भारतीय टीम ने खुद ही वेस्टइंडीज को भेंट कर दिया। बात शुरू करते हैं पहले मैच से। जब कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली टीम में थे, लेकिन पता नहीं किसने ये फैसला किया कि रोहित और कोहली इस मैच में बल्लेबाजी नहीं करेंगे। एक छोटे से स्कोर यानी 114 रनों का पीछा करने भारतीय टीम उतरी तो सलामी बल्लेबाज के तौर पर ईशान किशन और शुभमन गिल उतरे। उम्मीद की जा रही थी कि रोहित शर्मा इसके बाद आएंगे, लेकिन नंबर तीन पर न तो रोहित शर्मा आए और न ही विराट कोहली, वहां आते हैं सूर्यकुमार यादव। हद तो तब हो गई, जब चार, पांच और छह नंबर पर भी रोहित शर्मा नहीं आए और उनसे पहले शार्दुल ठाकुर को बल्लेबाजी के लिए भेज दिया गया। जब पूरा बल्लेबाजी क्रम आउट होता चला गया, तब नंबर सात पर रोहित शर्मा क्रीज पर आते हैं। वहीं विराट कोहली की तो बैटिंग ही नहीं आई।
हार्दिक पांड्या की कप्तानी में टीम इंडिया बुरी तरह हारी वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला
इसके बाद दूसरे वनडे में तो और भी गजब हुआ। रोहित शर्मा और विराट कोहली टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन से भी बाहर हो गए और कप्तानी दी गई हार्दिक पांड्या को। इस मैच में तो और भी बुरा हाल हुआ। टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी और पूरे 40.5 ओवर में पूरी टीम 181 रन बनाकर आउट हो गई। वेस्टइंडीज ने 36.4 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया और टीम इंडिया की पोल खुलकर पूरी तरह से सामने आ गई। अब हाल ये हो गया है कि सीरीज हाथ से जाने का खतरा सामने खड़ा हो गया है। ऐसे में अब कप्तान और कोच क्या सोच रहे होंगे, शायद किसी को नहीं पता।
तीसरे वनडे से पहले बुरी तरह से फंसे हैं कोच राहुल द्रविड़
जो काम टीम इंडिया को आखिरी मैच में करना चाहिए था, वो पहले दो मैचों में कर दिया और अब मामला फंस गया है। अक्सर टीमें प्रयोग तब करती हैं, जब सीरीज जीत ली गई हो, यानी तीन मैचों की सीरीज के पहले दो मैच पूरी शिद्दत के साथ मैदान में उतरकर जीते जाते और आखिरी में नए और युवा प्लेयर्स को मौका देना चाहिए था। क्या कोच राहुल द्रविड़ आखिरी मैच की प्लेइंग इलेवन से भी रोहित और विराट कोहली को बाहर रखने का हिम्मत भरा फैसला लेंगे। या फिर पूरी मजबूती के साथ सबसे बेस्ट प्लेइंग इलेवन के साथ सीरीज जीतने के इरादे से मैदान में उतरेंगे, ये देखना काफी दिलचस्प होगा। अगर आखिरी मैच में सबसे मजबूत प्लेइंग इलेवन के साथ उतरती है तो मान लिया जाना चाहिए कि कोच राहुल द्रविड़ ने जो भी प्रयोग किए वे बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुए।