नई दिल्ली:
कांग्रेस (Congress) प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है. इसमें किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी. कल (शुक्रवार, 8 जनवरी) किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी. गांधी पार्टी महासचिवों और प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए जुड़ेंगी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह पार्टी नेताओं के साथ उस रणनीति पर चर्चा करेंगी जिसके तहत दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हजारों किसानों को कड़कड़ाती ठंड में वापस भेजा जा सके. सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
कांग्रेस ने पहले ही किसानों की मांगों और उनके आंदोलन का समर्थन किया है. सोनिया गांधी पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “अहंकारी” कह चुकी हैं. उन्होंने मांग की थी कि प्रधानमंत्री नए कृषि कानूनों को वापस लेकर अपना “राज धर्म” निभाएं.
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस अब केंद्र के खिलाफ आक्रामक योजना बना रही है. शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कानून के तीन टुकड़ों को निरस्त करने से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है.
बता दें कि केंद्र और किसान नेताओं के बीच शुक्रवार को आयोजित आठवें दौर की वार्ता गतिरोध को तोड़ने में विफल रही. दोनों पक्ष दो प्रमुख मुद्दों- कानूनों की समाप्ति और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए एक कानूनी गारंटी पर विभाजित रहीं. अब अगली बैठक 15 जनवरी को होगी. किसानों ने वार्ता विफल रहने पर गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की धमकी दे रखी है.