English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-02-17 112252

बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी को एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी है, लेकिन वो जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। दरअसल कई अन्य मामलों में उसे अभी भी जमानत मिलनी बाकी है।

 

बांदा जेल (Banda Jail) में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के एक मामले में जमानत दे दी है। हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी मुख्तार जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि उसके खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और बाराबंकी में गंभीर धाराओं के 11 और मुकदमे दर्ज हैं। जब तक इन मुकदमों में मुख्तार को जमानत नहीं मिल जाती तब तक उसकी रिहाई सम्भव नहीं होगी।

Also read:  भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों पर ब्रिटिश PM ने कहा- मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के सवालों से कैसे निपटते हैं को लेकर बातचीत करते

कोर्ट ने एक लाख रुपये का बांड भरने को भी कहा

बता दें कि मुख्तार को गैंगस्टर एक्ट के जिस मामले में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत दी है, उसमें वह करीब 11 साल से जेल में बंद है। मुख्तार के वकील ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा मऊ के दक्षिणटोला थाना में दर्ज है। वकील ने 21 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रार्थना-पत्र देकर मुख्तार को रिहा करने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने मुख्तार को जमानत देते हुए रिहाई का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने एक लाख रुपये का बांड भरने को भी कहा है।

Also read:  महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार का पहला बजट, वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में पेश करेंगे

मुख्तार अंसारी के खिलाफ कुल 12 मुकदमें दर्ज

जानकारी के मुताबिक मुख्तार के खिलाफ कुल 12 मुकदमे दर्ज हैं जिसमें मऊ में 5, गाजीपुर में 4 और वाराणसी, आजमगढ़ और बाराबंकी में 1-1 केस है। जब तक सभी मामलों में जमानत नहीं मिल जाती तब तक मुख्तार जेल से बाहर नहीं आ सकता। उधर एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया पर मुख्तार की रिहाई का मैसेज वायरल हो गया। बाद में मऊ पुलिस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से मुख्तार की रिहाई का खंडन किया है। पुलिस का कहना है कि मुख्तार के खिलाफ कई अन्य मुकदमे दर्ज हैं जिनमें जमानत नहीं मिली है इसलिए वह जेल में ही रहेगा।

Also read:  पिछले 24 घंटे में कोरोना 14.2 फीसदी बड़ा, सामने आए 7,974 नए मामले