वॉशिंगटन:
अमेरिका (America) के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Mark Esper) अगले हफ्ते भारत आ रहे हैं. मार्क एस्पर ने मंगलवार को इसकी घोषणा की. भारत और चीन की तनातनी के बीच अमेरिका और भारत के रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री का यह दौरा रखा गया है. अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भारत इस सदी में, हमारे लिए, इंडो-पैसिफिक में सबसे अच्छा परिणामी भागीदार होगा.’
मार्क एस्पर ने कहा कि उनकी यात्रा पुराने गठबंधनों को मजबूत करने और अपने स्वयं के वैश्विक नेटवर्क के निर्माण के रूसी और चीनी प्रयासों के खिलाफ नए विकास के लिए एक व्यापक अमेरिकी पहल का हिस्सा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी और भारतीय समकक्ष मंत्रियों के बीच इंटेलिजेंस इनपुट की साझेदारी को बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
चीन से सीमा विवाद पर भारत का पक्ष लेते हुए मार्क एस्पर बोले, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. भारत योग्य लोगों से भरा एक योग्य देश है. वहां के लोग हर रोज हिमालय में चीनियों का सामना कर रहे हैं.’ मार्क एस्पर का यह बयान तब आया है, जब ऑस्ट्रेलिया ने यह बयान दिया कि वह अगले महीने भारत के साथ मिलिट्री ड्रिल में शामिल होगा. मालाबार संयुक्त युद्धाभ्यास में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं बल्कि अमेरिका और जापान भी हिस्सा ले रहा है. यह ड्रिल नवंबर माह में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में होगी.
इस संबंध में जारी एक बयान में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया, ‘समुद्री सुरक्षा के मामले में भारत अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है. मालाबार 2020 युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना भी भाग लेगी.’ बता दें कि भारत और अमेरिका की द्विपक्षीय नौसेना सहयोग के तहत मालाबार युद्धाभ्यास 1992 में शुरू किया गया था. 2018 में यह वार्षिक युद्धाभ्यास फिलीपींस की गुआम के तट पर और 2019 में जापान के तट पर हुआ था. इस वर्ष यह बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आयोजित होगा.