भारत में ट्रैफिक को लेकर जो नियम हैं उसके मुताबिक, प्राइवेट नंबर वाले कार एक्सप्रेसवे पर अधिकतक 120 किमी प्रति घंटे और नेशनल हाईवे पर 100 किलो मीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकते हैं।
वहीं, कैब और टैक्सी ड्राइवरों को यह छूट नहीं मिली है। उन्हें फिलाहल 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही अपनी कार चलाने की इजाजत है। इसके लिए उनकी कारों में गति सीमित करने वाले उपकरण (एसएलडी) अनिवार्य रूप से लगाने का प्रावधान है। हालांकि, सरकार उन्हें भी छूट देने के बारे में विचार कर रही है।
केंद्र सरकार प्राइवेट कारों और कैब/टैक्सियों के लिए लेन कॉन्फिगरेशन के आधार पर अलग-अलग सड़कों के लिए अधिकतम गति सीमा समान करने पर विचार कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में इस महीने के अंत तक होने वाली राज्यों के परिवहन मंत्रियों की बैठक में इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि कोर्ट के आदेश के कारण एसएलडी का फिट होना अनिवार्य है।
सूत्रों ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा मोटर वाहनों की गति सीमा की समीक्षा के लिए गठित कमेटी द्वारा विचार-विमर्श के दौरान अलग-अलग तरह की सड़कों के लिए कारों और टैक्सियों/कैब के लिए अलग-अलग गति सीमा के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि कैब और टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि हमारे पर कमर्शियल लाइसेंह होते हैं। हमारे पास लॉन्ग हॉल ड्राइव का अधिक अनुभव होने के बावजूद हम 80 किमी प्रति घंटे से अधिक ड्राइव नहीं कर सकते हैं, क्योंकि टैक्सी और कैब में इनबिल्ट एसएलडी होते हैं।