कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग हिंदुत्व में यकीन रखते हैं उनका मानना है कि सभी भारतीयों का डीएनए एक समान है लेकिन हिंदू मानते हैं कि हर आदमी का डीएनए अलग और अनन्य होता है। कांग्रेस नेता की टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए 40,000 साल से एक समान है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘हिंदू मानते हैं कि हर व्यक्ति का डीएनए अलग और अनन्य होता है। हिंदुत्ववादी मानते हैं कि सब भारतीयों का डीएनए समान है। ’ दरअसल, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि 40,000 से ज्यादा सालों से भारत में सभी लोगों का डीएनए (DNA) एक जैसा रहा है।
पूर्वजों के कारण फला फूला देश’- भागवत
उन्होंने कहा, ‘मैं हवा में बात नहीं कर रहा हूं बल्कि राष्ट्रीय घड़ी में भी इसके प्रमाण हैं। पूर्वजों के कारण अपना देश फला फूला है। देश की संस्कृति आज तक चलती आ रही है। हमारे पूर्वज गौरव हैं हमारा। हमारी निष्ठा, सम्मान पूर्वजों के प्रति है। हम उनके जीवन का अनुकरण करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिए हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि मीडिया में संगठन को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है।
‘ अपनी कमजोरियों से पराजित होते हम’
उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डा. बीआर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।’