English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-07-22 113018

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपए प्रति डॉलर ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ चुका है और चालू वित्त वर्ष में इसमें कोई सुधार होने की उम्मीद नहीं है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण मध्यम अवधि में रुपया और नीचे जा सकता है।

 

Also read:  उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में फैसला सुरक्षित रखा

स्विस ब्रोकरेज यूबीएस सिक्योरिटीज ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि रुपया इस साल अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7.5 प्रतिशत टूट चुका है। यह मार्च तक 80 प्रति डॉलर के स्तर पर रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाते के घाटे (कैड) पर दबाव को देखते हुए रुपए के लिए कोई राहत नहीं होगी और मध्यम अवधि में इसमें और गिरावट आ सकती है।

Also read:  दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में पीएम मोदी को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ , एक सर्वे के अनुसार उन्हें इसमें 75 पीसी रेटिंग मिली

यह बढ़ते व्यापार घाटे और विदेशी कोषों द्वारा बड़े पैमाने पर बिकवाली के कारण होगा। विदेशी निवेशकों ने चालू साल की शुरुआत से अबतक भारत से 29 अरब डॉलर या अपने निवेश का 4.4 प्रतिशत निकाल लिया है।

Also read:  यूएई की राशिद रोवर टीम 'चंद्रमा के इतने करीब' पहुंचने के बाद 'प्रेरित'