सरकार ने बुधवार को सबको हैरान कर दिया जब पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2021 की वापसी का एलान हुआ। साथ ही नए विधेयक को जल्द लाने का वादा किया।
सरकार ने वादा किया है कि नए विधेयक में निजता के अधिकार से किसी तरह का समझौता नहीं होगा। बता दें कि विपक्ष की ओर से इस विधेयक पर आपत्ति जताई गई। इनका कहना है कि यह कानून मौलिक अधिकारों का हनन करता है।
दो साल पहले ही पेश हुआ था यह विधेयक
तत्कालीन केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दो साल पहले विधेयक को पेश किया था। साल 2019 के दिसंबर में दोनों सदनों की संयुक्त समिति (JPC) के पास इस विधेयक को भेजा गया था। इस पर दो साल तक मंथन किया गया। इसके बाद इस विधेयक में खामियों का पता चला और तब बदलावों की जरूरत को देखते हुए आखिरकार यह बिल वापस ले लिया गया। इसमें 81 संशोधनों का सुझाव है साथ ही 12 सिफारिशें भी की गईं है।
इसलिए वापस लिया गया ये विधेयक
दिसंबर 2021 में संसद के दोनों सदनों के सामने संशोधित विधेयक के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई थी। केंद्र सरकार का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में बदलावों पर विचार करने के लिए व्यापक कानूनी विचार विमर्श की जरूरत होगी इसलिए फिलहाल इसे वापस लिया जा रहा है और अब नए सिरे से ऐसा विधेयक पेश किया जाएगा, जो हर तरह के कानूनी ढांचे में फिट बैठता हो।
ये हैं पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के प्रविधान
व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (Personal Data Protection Bill) के तहत पर्सनल डेटा के संरक्षण के प्रविधान का प्रयास करता है और इसके लिए डेटा प्रोटेक्शन अथारिटी की स्थापना करता है। इसके तहत सरकार की रेगुलेटरी निकाय नागरिकों के पर्सनल डाटा का संरक्षण करेगी और डाटा लीक होने की स्थिति में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
Personal Data Protection Bill has been withdrawn because the JCP recommended 81 amendments in a bill of 99 sections. Above that it made 12 major recommendations.
Therefore the bill has been withdrawn and a new bill will be presented for public consultation.— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 3, 2022
2018 में हुआ था तैयार
साल 2018 में जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति ने इस विधेयक को पहली बार तैयार किया था। तत्कालीन IT मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 11 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को पेश किया था। इसके बाद ही इसे JPC के पास भेजा गया था। डिजिटल गोपनीयता की सुरक्षा के लिए देश में एक डेटा संरक्षण प्राधिकरण स्थापित करने का है प्रविधान बिल के दायरे में व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत दोनों डेटा शामिल हैं डेटा संरक्षण प्राधिकरण द्वारा निपटाए जाने का प्रावधान है।