English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-07-27 191013

राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने लिखित जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के पास Covid-19 की वजह से मारे गए डॉक्टरों का कोई डेटा नहीं है।

सरकार ने कोविड से हुई मौतों का डेटा तो तैयार किया है, लेकिन पेशेवर लोगों के हिसाब से मौतों का अलग से डेटा नहीं बनाया गया है।राज्यसभा में सांसद अबीर रंजन बिस्वास ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से सवाल किया कि मार्च 2020 से अब तक राज्यों में कोविड-19 की वजह से कितने डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स की मौत हुई है। क्या सरकार ने मारे गए डॉक्टरों को मुआवजा दिया है?

Also read:  उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 5 जुलाई से शुरू

 

Covid-19 से अब तक 5,25,997 मौतें

इसपर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब देते हुए जानकारी दी कि भारत सरकार, राज्यों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कोविड-19 की वजह से हुई मौतों का डेटा मेनटेन करती है। 23 जुलाई 2022 तक, देश में Covid-19 से अब तक 5,25,997 मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर्स भी शामिल हैं. पेशेवर लोगों का अलग से डेटा नहीं बनाया गया है।

Also read:  कर्नाटक बजरंग दल कार्यकर्ता हत्या मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

 

हेल्थ केयर वर्कर्स को 50 लाख का बीमा

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP), केविड 19 से लड़ रहे हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए बीमा योजना है। इसके तहत, कोविड के सीधे संपर्क में आने वाले हेल्थ केयर वर्कर्स को 50 लाख का बीमा दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना को बढ़ा दिया गया है।

Also read:  MP Investors Summit 2023: आइए, हम भविष्य की अनंत संभावनाओं का पोषण करते हुए समृद्धि, सुख और अंत्योदय के उच्चतम लक्ष्यों को प्राप्त करें- शिवराज सिंह चौहान

 

उन्होंने जानकारी दी कि 30 जून 2021 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, भारत सरकार ने NDMA के जरिए, गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें कोविड-19 की वजह से मारे गए लोगों के बच्चों को एक्स-ग्रेशिया सहायता देने को कहा गया था। NDMA ने कोविड-19 से मौत की पुष्टि हो जाने पर, एक्स-ग्रेशिया के तौर पर 50 हजार रुपये देने की बात कही है।