जिला प्रशासन ने शुक्रवार 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी लगा दी है। हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों तक श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मकर संक्रांति स्नान को जिला प्रशासन पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है। अब श्रद्धालुओं को जिले के अंदर आने और गंगा घाटों तक पहुंचने से रोकने के लिए तैयारी कर ली है। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को बॉर्डर से ही श्रद्धालुओं को वापस भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बांट दिया है।
मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी
मालूम हो कि जिला प्रशासन ने शुक्रवार 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी लगा दी है। हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों तक श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र को छह जोन और 11 सेक्टर में बांट दिया है। इनमें जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त कर श्रद्धालुओं को किसी भी हाल में हरकी पैड़ी क्षेत्र में नहीं जाने की जिम्मेदारी दी गई है।
मकर संक्रांति पर पड़ रहा त्रिग्रही योग
प्रकृति को धन्यवाद देने को मनाया जाता है लोहड़ी पर्व
लोहड़ी पर्व को लेकर उत्साह है। लोहड़ी का त्योहार खुद में अनेक सौगातें लेकर आता है। लोहड़ी पर्व, जोश व उल्लास को दर्शाते हुए सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है। बृहस्पतिवार को कोरोना नियमों के पालन के साथ लोहड़ी मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार लोहड़ी मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाई जाती है। लोहड़ी का पर्व आज है। नवविवाहित जोड़ों और नवजात शिशुओं के लिए यह दिन खास होता है। युवक-युवतियां सज-धज, सुंदर वस्त्रों में एक-दूसरे से गीत-संगीत की प्रतियोगिताएं रखते है। लोहड़ी की संध्या में जलती लकड़ियों के सामने नवविवाहित जोड़े अपनी वैवाहिक जीवन को सुखमय की कामना करते हैं।