अयोध्या राम मंदिर में प्रभु श्रीराम व सीता माता के विग्रह निर्माण के लिए नेपाल से लाई जा रही शालीग्राम शिलाएं मंगलवार देर रात गोरखपुर पहुंची। गोरखनाथ मंदिर में देवशिलाओं का भव्य स्वागत पूजा-अर्चना कर किया गया।
मंदिर के मुख्य पुजारी कमलनाथ ने यह पूजा की। इससे पूर्व गोरखपुर में प्रवेश करते ही जगह-जगह श्रद्धालुाओं ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। देर रात गोरखपुर हुआ आगमन जैसे ही देवशिलाओं ने गोरखपुर में प्रवेश किया देर रात होने के बाद भी श्रद्धालुओं की भारी संख्या प्रभु श्रीराम में उनकी अपार श्रद्धा व्यक्त कर रही थी। चारो तरफ श्रीराम के नारे गूंज रहे थे। मानों श्रद्धालु साक्षात श्रीराम के दर्शन कर रहे हो। बुढ़े, बच्चे,महिलाएं,युवक,युवतियां सभी शिलाओं की एक झलक पाने को उत्सुव थे। जगह-जगह आतिशबाजी की जा रही थी। देवशिलाएं जगदीशपुर,कुसम्ही,छात्रसंघ चौक होते हुए मंदिर पहुंची।
गोरखनाथ मंदिर में हुई पूजा
देर रात जैसे ही शालीग्राम शिलाएं गोरखनाथ मंदिर पहुंची मुख्य पुजारी कमलनाथ के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शालीग्राम शिलाओं की विधिवत पूजा अर्चना हुई। इस दौरान पुजारी मंहत मिथिलेश दास, महंत रवीन्द्र दास देववक्स दास,मंदिर व्यवस्थापक द्वारिका तिवारी,विनय गौतम सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे । अरविंद चतुर्वेदी समेत अन्य पुरोहितों ने मंगल पाठ किया।
नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री भी रहे मौजूद
रथ गोरखनाथ मंदिर में रात भर रही। रथ के साथ आए सैंकड़ों लोगों ने गोरखनाथ मंदिर के हिन्दू सेवाश्रम में विश्राम किया। रथ के साथ नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री विमलेन्द्र निधि भी मौजूद रहे।
सुबह हुई पूजा अर्चना
बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में देवशिलाओं की विधिवत पूजा अर्चना की जा चुकी है। कुछ ही देर में शिलाएं अयोध्या के लिए रवाना हो जाएंगी।
देर शाम तक पहुंचेगी अयोध्या
देवशिलाएं देर शाम तक अयोध्या पहुंच जाएंगी। इससे पहले अयोध्या से पाषाण खंड के विशेष पारखियों को गोरखपुर भेजा गया है ।गोरखपुर के बशारतपुर के रहने वाले अशोक मिश्रा व उनकी पत्नी अनिता ने देवशिलाओं का दर्शन किया। उन्होंने कहा मानों साक्षात प्रभुश्रीराम के दर्शन हुए हों। हम असीम सुख की अनुभूति कर रहे हैं। दाऊदपुर निवास आलोक बताते हैं कि मैं देवशिलाओं का दर्शन करने के लिए सुबह से ही इंतजार कर रहा था। देर रात में ही सही इनका दर्शन कर खुद को सौभाग्य शाली मान रहा हूं।
दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा प्रीती बताती हैं कि देवशिलाओं का दर्शन मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं हैं।