मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता कमलनाथ एमपी का मतलब मदिरा प्रदेश बता रहे हैं।
उन्हें ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए शर्म आनी चाहिए। वे राज्य के लोगों का अपमान कर रहे हैं और लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मध्य प्रदेश के साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में लगातार कांग्रेस और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है। जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं के बयानों की भाषा तीखी होती जा रही है। पिछले कई दिनों से कमलनाथ और शिवराज लगातार एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
दोनों नेता एक दूसरे के वादों को झूठा साबित करने में लगे हुए हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ के द्वारा प्रदेश को मदिरा प्रदेश बताने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस और कमलनाथ पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ को शर्म आना चाहिए। कमलनाथ सत्ता में आने के लिए प्रदेश के लोगों का अपमान कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश की जनता कांग्रेस और उसके द्वारा किए गए झूठे वादों को समझ चुकी है। प्रदेश की जनता ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
बता दे अपने क्षेत्र छिंदवाड़ा के शिकारपुर में पूर्व सीएम कमलनाथ मीडिया कर्मियों से चर्चा कर रहे थे इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी जी ने घोषणा की थी अच्छे दिन आएंगे शिवराज सिंह चौहान ने हर गांव में सस्ती शराब बिकवा ना प्रारंभ कर दिया मध्यप्रदेश अब मदिरा प्रदेश बनकर रह गया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग किया जा रहा है सरकारी खर्च पर भी अपनी छवि चमका रहे हैं शिवराज को लगता है कि ऐसा कर वे चुनाव जीत जाएंगे लेकिन यह उनकी गलतफहमी हैं।
कमलनाथ ने दावा किया कि मध्यप्रदेश सरकार जो विकास यात्रा निकाल रही है। उसका अब तक 160 जगह विरोध हो चुका है। प्रदेश के किसान सरकार की नीतियों से परेशान है। टमाटर के भाव नहीं मिलने से किसानों से फेंक रहे हैं। एक करोड़ से ज्यादा युवा बेरोजगार है। दूसरी और शिवराज सिंह चौहान लगातार नई-नई घोषणाएं कर रहे हैं। वे झूठ बोलने की मशीन बन गए।