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केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदल दिया है। अब इसे अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। नाम बदलने के अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है।कुछ लोग सरकार को निशाने पर ले रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं।

 

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुगलई पराठा का नाम बदलकर स्वर्ग लोक या इंद्र लोक पराठा करने की प्रतीक्षा की जा रही है।

वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि मुगल गार्डन का नाम बदलने से क्या देश व यहां के करोड़ों लोगों के दिन-प्रतिदिन की ज्वलन्त समस्याएं दूर हो जाएंगी? उन्होंने कि देश में महंगाई चरम पर है। लेकिन, इसके निदान की कोशिश नहीं की जा रही है। इसके बजाय धर्मान्तरण, नामान्तरण, बायकाट व नफरती भाषणों आदि के जरिए लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास किया जा रहा है। घोर अनुचित व अति-दुःखद।

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‘ईडन गार्डन का नाम बदलकर होगा मोदी गार्डन ?’

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि कौन जानता है, वे अब ईडन गार्डन का नाम बदलकर इसे मोदी गार्डन कहना चाहते हैं।उन्हें नौकरियां पैदा करने, महंगाई को नियंत्रित करने और एलआईसी और एसबीआई के कीमती संसाधनों की रक्षा करने पर ध्यान देना चाहिए।

AIMIM ने उठाया सवाल

AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या मुगल गार्डन और टीपू सुल्तान गार्डन का नाम बदलने से देश का विकास हो जाएगा, बेरोजगारी खत्म हो जाएगी? क्या पेट्रोल-डीजल के भाव में कमी आ जाएगी? उन्होंने कहा कि बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सिर्फ नामकरण की सियासत कर रही है।

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31 जनवरी से 26 मार्च तक खुलेगा गार्डन

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि इस साल 31 जनवरी से 26 मार्च तक जनता के लिए अमृत उद्यान खुला रहेगा। इसके बाद 28 मार्च को सिर्फ किसानों के लिए और 29 मार्च को दिव्यांग जनों के लिए ये गार्डन खोला जाएगा। इस दौरान विजिटर यहां पर मौजूद खूबसूरत फूलों का आनंद ले सकेंगे।

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