English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-08-25 170953

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) ने कहा है कि दिल्ली सरकार के पंचायती विभाग ने दक्षिण दिल्ली के जौनापुर गांव में एक व‌र्ल्ड क्लास स्किल सेंटर व यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना वन भूमि आवंटित की है।

 

बता दें कि वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के अनुसार, गैर-वानिकी कार्यों के लिए केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है। CEC ने कहा कि उसने पिछले साल जुलाई में दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था और दिल्ली सरकार ने बार बार स्पष्टीकरण मांगने के बावजूद भी जवाब नहीं दिया।

Also read:  हरिश रावत ने दिए बगावत के संकेत, कांग्रेस में मचा सियासी घमासान

 

कमेटी ने कहा कि जौनापुर में 37.11 एकड़ की वन भूमि, प्रस्तावित व‌र्ल्ड क्लास स्किल सेंटर व यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित होने के बाद, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के रिकार्ड में रिहायशी भूमि के रूप में दिखाया गया है।

Also read:  शिव सेना ने राज ठाकरे पर साधा निशाना, कहा- 'असली आ रहे हैं नकली से सावधान'

 

कमेटी ने 22 अगस्त को दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में कहा, ‘वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों के उल्लंघन में केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना NCT दिल्ली सरकार द्वारा गैर-वन उपयोग के लिए वन भूमि आवंटित की गई है।’

 

दिल्ली वन विभाग ने CEC को यह भी बताया है कि विचाराधीन भूमि वन भूमि है। उन्होंने कहा, ‘बैठक में दिल्ली सरकार के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने पुन: पुष्टि की कि जौनपुर में व‌र्ल्ड क्लास स्किल सेंटर व यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए आवंटित 37.11 एकड़ जमीन वन भूमि का हिस्सा है।

Also read:  केंद्र का कृषि कानून बनाम पंजाब के 3 कृषि बिल, CM अमरिंदर बोले- 'मैं इस्तीफे से नहीं डरता'

दिसंबर 2019 में दिल्ली सरकार ने लगभग 254 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जौनापुर में एक व‌र्ल्ड क्लास स्किल सेंटर व यूनिवर्सिटी स्थापित करने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।