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देश के ज्यादातर हिस्सों में जारी भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग (Demand of power) में लगातार रिकॉर्डतोड़ वृद्धि होती जा रही है तो बढ़ती गर्मी के बीच कोयले की कमी ( Coal Crisis ) की वजह से कई राज्यों में शुक्रवार को भी बिजली कटौती जारी रही, तो विपक्षी दलों की ओर से ताप संयंत्रों में कोयले की कमी के लिए केंद्र को दोषी ठहराया जा रहा है।

कोयले की कमी को लेकर कांग्रेस (Congress) ने फिर केंद्र पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कोयला संकट पर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘मोदी जी, ‘बिजलीघरों में कोयला नहीं है…’ ये कोई ब्रेकिंग न्यूज नहीं बल्कि हर दिन की 24×7 न्यूज है। देश भर में भीषण गर्मी के बीच भयंकर बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है।  एक चौथाई से ज्यादा पॉवर प्लांट बंद पड़े हैं और 700 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. ये कैसी ‘नई अप्रोच’ है?’

क्या पीएम मोदी को जनता की फिक्र नहींः राहुल गांधी

इससे पहले कांग्रेस सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी कई राज्यों में बिजली की भारी कटौती को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध चुके हैं. एक दिन पहले ही उन्होंने केंद्र से सवाल किया था कि क्या उन्हें देश और जनता की फिक्र नहीं है।

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राहुल गांधी ने कल शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ’20 अप्रैल 2022 को मैंने मोदी सरकार से कहा था कि नफ़रत का बुलडोज़र चलाना बंद करें और देश के बिजली संयंत्र शुरू करें। आज कोयला और बिजली संकट से पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची है।’ उन्होंने आगले कहा, ‘फिर कह रहा हूं- यह संकट छोटे उद्योगों को खत्म कर देगा, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी। छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जिंदगी दांव पर है। रेल, मेट्रो सेवा ठप होने से आर्थिक नुकसान होगा।’

सरकार ने ‘सही समाधान’ ढूंढ़ लियाः चिदंबरम

इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने आज शनिवार को व्यापक बिजली कटौती के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि सरकार ने ‘सही समाधान’ ढूंढ़ लिया है, जो यात्री ट्रेन को रद्द करने और कोयला से लदी ट्रेन (मालगाड़ी) चलाने का है।

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कोयला संकट को लेकर केंद्र पर हमलावर होते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘प्रचुर मात्रा में कोयला, बड़े रेल नेटवर्क, ताप संयंत्रों में अप्रयुक्त क्षमता, फिर भी बिजली की भारी किल्लत है। केंद्र सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता है क्योंकि यह कांग्रेस के 60 साल के शासन के कारण है।’

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘कोयला, रेलवे या बिजली मंत्रालयों में किसी तरह की अक्षमता नहीं है। दोष उक्त विभागों के पिछले कांग्रेस के मंत्रियों का है।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ताबड़तोड़ किए कई ट्वीट के जरिए कहा, ‘सरकार ने इसका सही समाधान ढूंढ़ लिया है: यात्री ट्रेन रद्द करो और कोयला लदी ट्रेन को चलाओ! मोदी है, मुमकिन है।’

https://www.youtube.com/watch?v=uU9rOI5QNsIt=29s

लगातार लू (हीटवेव) जारी रहने के कारण देशभर में बिजली की मांग कल शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चतम स्तर को छू गई तो वहीं भारतीय रेलवे ने कोयला माल ढुलाई की सुविधा के लिए 42 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया। इसके अलावा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) डिवीजन के साथ, जो कोयला उत्पादक क्षेत्रों तक जाता है, ने 34 ट्रेन को रद्द कर दिया।

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समस्या बताने के लिए नहीं, निवारण के लिए होती है सरकारः अखिलेश

दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी शनिवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का नाम लिए बिना बिजली संकट का मसला उठाते हुए कहा कि सरकार समस्या का कारण बताने के लिए नहीं, निवारण के लिए होती है। अखिलेश ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा कुछ विद्युत उत्पादन इकाइयों के तकनीकी कारणों से बंद किए जाने की सूचना ट्विटर पर दिए जाने का अंश संलग्न करते हुए ट्वीट में कहा, ‘सरकार समस्या का कारण बताने के लिए नहीं, निवारण के लिए होती है।’

ऊर्जा मंत्री शर्मा ने एक दिन पहले ट्वीट किया था कि यूपी की कुछ विद्युत उत्पादन इकाइयां तकनीकी कारणों से कई हफ्ते से बंद हैं, जिनमें हरदुआगंज-660 मेगावाट, मेजा-660 मेगावाट और बारा-660 मेगावाट शामिल हैं।

इस पर सपा प्रमुख ने तंज करते हुए कहा कि सरकार समस्या का कारण बताने के लिए नहीं, निवारण के लिए होती है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और गर्मी बढ़ने के साथ बिजली संकट गहराता जा रहा है।